Boiler blast update: महाराष्ट्र में बायलर विस्फोट में मृत लोगों में एक धनबाद का व सात यूपी के थे रहनेवाले, डीएनए रिपोर्ट के आधार पर हुई मरनेवालों की पहचान

Uday Kumar Pandey
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मिरर मीडिया, डिजिटल डेस्क : Boiler blast update महाराष्ट्र के ठाणे जिले के डोंबिवली में अमुदान केमिकल कंपनी के बायलर विस्फोट के संबंध में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को 29 मई 2024 को संयुक्त श्रमायुक्त द्वारा सत्यापन हेतु केस प्रेषित किया गया था। इस सत्यापन में मृतक मनीष कुमार के परिजनों से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की गई। उनके अनुसार, विस्फोट में कुल 8 व्यक्ति शामिल थे, जिनमें से 1 व्यक्ति धनबाद, झारखंड से और 7 उत्तर प्रदेश से थे। सभी अभी तक लापता हैं। पुलिस द्वारा FIR दर्ज की गई है और DNA टेस्ट के लिए सैंपल 30 मई को परिजनों से लिया गया था।

राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है:

कण्ट्रोल रूम ने पुनः ठेकेदार से भी संपर्क किया, जिसने बताया कि कुल 13 व्यक्तियों की मृत्यु होने की सूचना मिली है। ठेकेदार ने यह भी बताया कि DNA टेस्ट की रिपोर्ट बुधवार या गुरुवार तक आने की संभावना है। ठेकेदार द्वारा श्रमिकों और उनके आश्रितों का कागजी प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। श्रमिकों के PF, पेंशन, और ESI की राशि जमा कर दी गई है। साथ ही, राज्य सरकार ने प्रति पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। मृतक मनीष कुमार के परिजन घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। मनीष कुल 7 दिनों से ही इस कंपनी में कार्यरत थे। इससे पहले वे एक अन्य कंपनी में दूसरे ठेकेदार के तहत ठाणे जिले में कार्य कर रहे थे।

आज, 7 जून 2024 को DNA रिपोर्ट आ गई है, जिसमें मृतक का सत्यापन और पहचान हो गई है। मनीष के पिता से संपर्क कर जानकारी ली गई है। मृतक के बॉडी की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण परिजनों ने महाराष्ट्र में ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया है। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा महाराष्ट्र में कार्यरत नव झारखंड फाउंडेशन, मुंबई और महाराष्ट्र यूनियन के सहयोग से परिजनों को दस्तावेजी प्रक्रिया में मदद की जा रही है।

श्रम अधीक्षक, धनबाद ने मृतक के परिवार से मिलकर संपर्क किया और उनके दुःख में सांत्वना दी। सत्यानंद भोगता, श्रम मंत्री के निर्देशानुसार पीड़ित परिवार को 1.5 लाख रुपये मुआवजा राशि देने की बात की गई है।

यह घटना उन तमाम प्रवासी श्रमिकों की स्थितियों को उजागर करती है जो अपनी आजीविका के लिए विभिन्न राज्यों में काम करने के लिए मजबूर होते हैं। राज्य और केंद्र सरकारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करें। इस घटना ने एक बार फिर प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षा और अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया है और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और अन्य संबंधित संस्थाएं पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं ताकि वे इस कठिन समय में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करें। मृतकों के परिजनों को जल्द से जल्द न्याय और सहायता मिल सके, इसके लिए लगातार प्रयास जारी हैं।

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मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।