बोकारो। झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। बोकारो विधायक और कांग्रेस नेता श्वेता सिंह की विधानसभा सदस्यता पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। यह मामला तब गर्माया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बाबूलाल मरांडी ने मीडिया के सामने बड़ा बयान दिया।
मरांडी ने कहा, “चुनाव आयोग के समक्ष प्रत्येक जनप्रतिनिधि को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ अपनी जानकारी देनी चाहिए। यदि बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने कोई तथ्य छुपाया है, तो यह बहुत गंभीर अपराध है। इस पर न केवल कानूनी कार्रवाई हो सकती है, बल्कि उनकी विधायकी भी समाप्त की जा सकती है।”
इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा के पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने भी इस मुद्दे को उठाया और इसे लेकर उच्च स्तर पर शिकायत दी है। बाबूलाल मरांडी ने बिरंची नारायण की पहल की सराहना करते हुए कहा कि “यह एक साहसिक कदम है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी भी।”
हालांकि कांग्रेस की ओर से इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि चुनाव आयोग इस मामले को गंभीरता से लेता है और जांच में तथ्य छुपाने की बात साबित होती है, तो विधायक श्वेता सिंह को बड़ी कानूनी और राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।