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Budget 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पेश किया। बजट की पेशकश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट किसानों, युवाओं, गरीबों और महिलाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। वित् मंत्री द्वारा लगातार सातवीं बार संसद में बजट पेश किया गया है और यह भी अपने आप में ऐतिहासिक है। 2024 का बजट प्रमुख रूप से किसानों, गरीबों, युवाओं और महिलाओं के संयुक्त विकास पर ध्यान देगा। साथ ही उन्होंने कारीगरों, शिल्पकारों, स्वयं सहायता समूहों, और महिलाओं की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने वाली PM विश्वकर्मा, PM स्वनिधि, NRLM और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं के बारे में भी बताया। महिलाओं द्वारा खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी पर ली जाने वाली स्टैम्प ड्यूटी में भी कटौती की जायेगी। अब महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर पहले के मुकाबले कम स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होगा।
महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर पहले के मुकाबले कम स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान
निर्मला सीतारमण ने बताया कि बजट 2024 प्रमुख रूप से किसानों, गरीबों, युवाओं और महिलाओं के संयुक्त विकास पर ध्यान देगा। साथ ही उन्होंने कारीगरों, शिल्पकारों, स्वयं सहायता समूहों, और महिलाओं की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने वाली PM विश्वकर्मा, PM स्वनिधि, NRLM और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं के बारे में भी बताया। महिलाओं द्वारा खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी पर ली जाने वाली स्टैम्प ड्यूटी में भी कटौती की जायेगी। अब महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर पहले के मुकाबले कम स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होगा।
NPS के योगदान में बड़े बदलावों
बजट 2024 में सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के योगदान में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिससे अधिक टैक्स सेविंग हो सकेगी। प्राइवेट सेक्टर में एम्प्लॉयर के लिए योगदान की लिमिट को कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया गया है। यह नई लिमिट प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर दोनों के कर्मचारियों पर लागू होती है। मगर इसका फायदा सिर्फ नई टैक्स रिजीम में मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 भाषण में कहा कि एनपीएस में एम्प्लॉयर के योगदान के लिए डिडक्शन लिमिट को कर्मचारी के वेतन के 10% से बढ़ाकर 14% किया जाएगा। यह कटौती प्राइवेट सेक्टर, पब्लिक सेक्टर के बैंकों और कंपनियों के उन कर्मचारियों पर लागू होती है जो नई टैक्स रिजीम चुनेंगे।
किरायेदारों के लिए बड़ी राहत : TDS की दर को 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी
आम बजट में किराये पर रहने वाले लोगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत दी है। अब किरायेदारों को एक महीने या महीने के कुछ हिस्से के लिए 50,000 रुपये से अधिक के किराये पर कम टैक्स देना होगा। केंद्रीय बजट 2024 ने 50,000 रुपये से ज्यादा के घर के किराये के भुगतान पर TDS की दर को 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया है। 50 हजार रुपये से अधिक घर का रेंट देने वाले लोगों के लिए TDS का प्रावधान है।
धारा 194-आईबी के प्रावधानों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (धारा 194-आई के दूसरे प्रावधान में लिखित लोगों के अलावा), जो किसी किरायेदार को पिछले वर्ष के दौरान एक महीने या महीने के किसी हिस्से के लिए 50 हजार रुपये से अधिक के किराये पर 5 फीसदी टीडीएस कटता था। क्योंकि वो मकान मालिक की इनकम का सोर्स है। इस वजह से किरायेदार किराया 5 फीसदी टीडीएस काटकर ही देते थे। अब उन्हें सिर्फ 2 फीसदी ही टीडीएस देना होगा।
अब 3-7 लाख रुपये तक की कमाई पर 5 फीसदी की दर से इनकम टैक्स
बजट में सैलरी क्लास और पेंशनर्स को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया। टैक्सपेयर्स को इसका इंतजार भी था। इसके अलावा न्यू रिजीम के टैक्स स्लैब में बदलाव का भी ऐलान वित्त मंत्री ने किया है। न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाले टैक्सपेयर्स को अब 3 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर पांच फीसदी टैक्स देना होगा। पहले यह देनदारी 6 लाख रुपये तक ही सीमित थी। यानी अब अगर आप साल में 7.75 लाख रुपये कमाते हैं, तो आपकी टैक्स की देनदारी शून्य होगी। पहले 7.50 लाख रुपये तक की कमाई ही टैक्स फ्री थी।
आपको यह ध्यान रखना होगा कि ये दोनों ही बदलाव न्यू टैक्स रिजीम में किए गए हैं। पुरानी टैक्स रिजीम किसी भी तरह का बदलाव सरकार ने नहीं किया है। न्यू टैक्स रिजीम में तीन लाख रुपये तक की सालाना कमाई टैक्स फ्री है। 3-7 लाख रुपये तक की कमाई पर 5 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगेगा। 7-10 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी। 10 से 12 लाख रुपये की कमाई पर 15 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। 12-15 लाख पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।
प्रॉपर्टी की बिक्री पर होने वाले लाभ से जुड़े नियम में बदलाव
बजट में प्रॉपर्टी की बिक्री पर होने वाले लाभ से जुड़े नियम में बदलाव किया गया है। पहले प्रॉपर्टी को बेचने पर जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होता था, उस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट (महंगाई से लिंक कीमत) के साथ 20 फीसदी टैक्स लगता था। मगर अब इंडेक्सेशन बेनेफिट को हटाने का ऐलान हुआ है। इसके चलते अब अपनी संपत्ति बेचने वालों का लाभ कम हो जाएगा। प्रॉपर्टी बिक्री पर होने वाले प्रॉफिट में कमी आएगी।
अब तक प्रॉपर्टी की बिक्री से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ 20% टैक्स लगाया जाता था। अब प्रॉपर्टी की बिक्री पर कैपिटल गेन के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट के बिना 12.5% की नई LTCG टैक्स रेट लागू होगी।
बजट में बिहार के लिए बहुत कुछ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार को लेकर बहुत सी जरूरी घोषणाएं की हैं। बिहार में सड़कों की बेहतरी के लिए 26000 करोड़ रुपये आवंटित किये जायेंगे। इसके साथ ही राज्य में चार नए एक्सप्रेस-वे भी बनाये जायेंगे। गंगा नदी पर दो लेन वाला पुल भी बनाया जाएगा और साथ ही पटना से पूर्णिया के बीच एक्सप्रेस भी बनाया जाएगा। साथ ही बक्सर से भागलपुर के बीच भी एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा।
भारत सरकार महत्त्वपूर्ण औद्योगिक शहरों को आपस में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से अमृतसर, दिल्ली और कोलकाता के बीच औद्योगिक कॉरिडोर (ADKIC) का निर्माण करेगी। इस औद्योगिक कॉरिडोर में गया का महत्त्वपूर्ण स्थान होगा। गया को इस कॉरिडोर के प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी माना कि नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजना पूरी तरह विकसित नहीं हो पायी है जिस वजह से बिहार अक्सर बाढ़ का शिकार होता रहता है। सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। इन पैसों की सहायता से कोसी इंट्रा-स्टेट लिंक पर भी काम किया जाएगा और साथ ही कोसी नदी का सर्वे भी किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 को पेश करते हुए यह भी कहा कि केंद्र सरकार बहुपक्षीय विकास एजेंसियों की सहायता के माध्यम से बिहार को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार में हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी आवश्यक बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करेगी। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए पूर्वोदय योजना की शुरुआत भी की जायेगी।
कृषि और किसानों के लिए
कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये की घोषणा वित्त मंत्री ने की है।
किसानों के लिए 32 कृषि और बागवानी में फसलों की 109 उच्च-पैदावार और जलवायु-अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
देश भर में एक करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग के माध्यम से प्राकृतिक खेती को सपोर्ट किया जाएगा।
क्रियान्वयन में सहायता के लिए 10 हजार आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि सरकार का प्रमुख एजेंडा है और नीतियां बनाते समय प्रोडक्शन को बढ़ाने और लचीलापन पर ध्यान दिया जाएगा, जिसमें डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’, बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन केन्द्रों की स्थापना और झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि सरकार का प्रमुख एजेंडा है और नीतियां बनाते समय प्रोडक्शन को बढ़ाने और लचीलापन पर ध्यान दिया जाएगा, जिसमें डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’, बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन केन्द्रों की स्थापना और झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता शामिल हैं।
रोजगार को लेकर कई सारी महत्वपूर्ण घोषणाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में रोजगार को लेकर कई सारी महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इन्होंने कहा कि पहली बार नौकरी करने वालों को ईपीएफओ में रजिस्टर करने पर सरकार तीन किश्तों में 15,000 रुपये देगी। लेकिन उनकी सालाना सैलरी 1 लाख रुपये से ज्यादा ना हो। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 5 साल में 2 लाख करोड़ से भी ज्यादा आवंटन कर 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
पहली नौकरी करने वालों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जिनकी सैलरी 1 लाख रुपये से कम है, उन्हें ईपीएफओ में रजिस्टर करने पर 15 हजार रुपये तीन किश्तों में मिलेंगे।