पोस्टमार्टम में शराब की गंध मात्र से मुआवजा नहीं रोका जा सकता: कलकत्ता हाई कोर्ट

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2025 को एक अहम फैसले में कहा कि सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के पोस्टमार्टम में पेट से शराब की गंध आने मात्र से उसके परिजनों को मुआवजा देने से इनकार नहीं किया जा सकता। नशे में वाहन चलाने का आरोप तभी मान्य होगा जब रक्त अल्कोहल परीक्षण या कानूनी प्रक्रिया से साबित हो।

न्यायमूर्ति बिश्वरूप चौधरी ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी की अपील खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के 11.41 लाख रुपये मुआवजे के आदेश को बरकरार रखा। मामला 2020 की दुर्घटना का है, जहां मोटरसाइकिल सवार की ट्रक से टक्कर में मौत हो गई थी। कोर्ट ने कहा कि मृत व्यक्ति खुद बचाव नहीं कर सकता, इसलिए ठोस सबूत जरूरी हैं।

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