डिजिटल डेस्क/ कोलकाता : दक्षिण 24 परगना के जयनगर में दो साल पहले हुई हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने टिप्पणी की, सरकार बदल जाए तो भी पुलिस वही रहती है। यह टिप्पणी तब आई जब कोर्ट को पता चला कि 2023 में हुई इस घटना के 14 आरोपियों में से सिर्फ दो को ही अब तक गिरफ्तार किया गया है। जज ने सवाल उठाया कि दो साल बाद भी बाकी 12 आरोपी फरार क्यों हैं। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर वे राजनीतिक रंग देखेंगे तो यह काम नहीं करेगा।
अब इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को दी गई है और फरार 12 आरोपियों को ढूंढने का निर्देश दिया गया है। सरकारी वकील ने कोर्ट से 45 दिन का समय मांगा है ताकि सभी आरोपियों को ढूंढा जा सके। यह मामला नवंबर 2023 का है, जब तृणमूल कार्यकर्ता सैफुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके तुरंत बाद सहाबुद्दीन नाम के एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर माकपा और तृणमूल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। माकपा ने आरोप लगाया था कि उनके समर्थकों के घरों को जलाया गया, जिसके चलते कई लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए। इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी।

