मिरर मीडिया : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो बेटों, सांसद मनोज तिवारी, देवघर हवाई अड्डे के निदेशक सहित अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इनके उपर देवघर से टेक-ऑफ के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के बिल्डिंग में जबरन घुसकर मंजूरी लेने का आरोप लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरक्षा प्रभारी सुमन आनंद की शिकायत पर एक सितंबर को कुंडा पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया कि इन लोगों ने एटीसी ऑफिस में घुसकर करके सभी ‘सुरक्षा मानकों’ का उल्लंघन किया और अधिकारियों पर उड़ान भरने की मंजूरी के लिए दबाव डाला।
दोनों सांसदों निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और हवाई अड्डे के निदेशक सहित नौ लोगों पर आईपीसी की धारा 336 (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य), 447 (आपराधिक अतिचार के लिए सजा), 448 (घर के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि सांसद डॉ. निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी औऱ कपिल मिश्रा समेत कई लोग पेट्रोल अटैक में मृतक अंकिता के परिजनों से मिलने दुमका पहुंचे थे। इस दौरान सांसद चार्टर्ड प्लेन से देवघर के हवाई अड्डे पर उतरे थे। इस दौरान सांसद के साथ उनके दोनों बेटे भी शामिल थे।
दुमका से लौटने के बाद सांसद वापस लौटन के लिए शाम करीब 5:30 बजे एयरपोर्ट पहुंचे और चार्टर प्लेन में बैठ गए वहीं देवघर एयरपोर्ट एटीसी ने उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी। आरोप है कि इसके बाद पायलट के साथ सांसद निशिकांत दुबे, उनके दोनो बेटे, सांसद मनोज तिवारी, सुनील तिवारी, ये सभी लोग जबरन एटीसी की बिल्डिंग में घुसकर अधिकारियों से जबरदस्ती क्लियरेंस लिया और दिल्ली के लिए उड़ गए। देवघर डीसी ने प्रधान सचिव, कैबिनेट-समन्वय (नागरिक उड्डयन), झारखंड को दो सितंबर को लिखे पत्र में पूरा मामला बताया है।