कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल सानी ने बुधवार को गाजा में 15 महीने से जारी विनाशकारी युद्ध को खत्म करने के लिए इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते की घोषणा की। यह समझौता कतर की राजधानी दोहा में कई हफ्तों की बातचीत के बाद हुआ। संघर्ष विराम रविवार से लागू होगा।
समझौते की मुख्य शर्तें
समझौते के तहत हमास चरणबद्ध तरीके से इजराइली बंधकों को रिहा करेगा, जबकि इजराइल सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा। गाजा में विस्थापित हजारों लोगों को वापस लौटने की अनुमति दी जाएगी और क्षेत्र में अत्यंत आवश्यक मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी। समझौते का उद्देश्य गाजा में मानवीय संकट को कम करना और स्थायी शांति वार्ता के लिए मार्ग प्रशस्त करना है।
क्षेत्र में मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी।
अमेरिका के तीन अधिकारियों और हमास के एक प्रतिनिधि ने समझौते की पुष्टि की है। हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि समझौते का अंतिम विवरण तैयार किया जा रहा है। समझौते को नेतन्याहू के मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
युद्धविराम का प्रभाव
गाजा में विस्थापित आबिद रदवान ने कहा, “यह मेरे और गाजा के लोगों के जीवन का सबसे अच्छा दिन है।” रदवान एक वर्ष से अधिक समय से अपने घर से विस्थापित होकर गाजा सिटी में शरण लिए हुए हैं।
इजराइल में प्रदर्शन और बंधकों की उम्मीद
तेल अवीव में इजराइल के सैन्य मुख्यालय के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी युद्धविराम समझौते को लागू करने की मांग करते हुए जुटे। हमास के कब्जे में एक बंधक ओडेड की बेटी शेरोन लिफ्सचिट्ज़ ने कहा, “मैं आभारी हूं, लेकिन सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी तक संतुष्ट नहीं हो सकती।”
पृष्ठभूमि
हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 250 को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में इजराइल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हमले किए, जिसमें 46,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए और 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई।
आशा की किरण
इस समझौते से गाजा में विनाशकारी संघर्ष खत्म होने और क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में बातचीत का मार्ग प्रशस्त हुआ है।