झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता की सेवा अवधि को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच जारी विवाद आज निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकता है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि अनुराग गुप्ता की सेवानिवृत्ति 30 अप्रैल 2025 को होनी चाहिए, जबकि राज्य सरकार ने उन्हें दो वर्ष के लिए नियमित DGP नियुक्त किया था।
केंद्र का रुख
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर अनुराग गुप्ता की सेवा विस्तार को अस्वीकार कर दिया है। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है कि सेवा विस्तार केवल केंद्र सरकार द्वारा दिया जा सकता है, और राज्य सरकार का निर्णय ऑल इंडिया सर्विस रूल्स के अनुरूप नहीं है।
राज्य सरकार की स्थिति
राज्य सरकार ने 3 फरवरी 2025 को अनुराग गुप्ता को दो वर्षों के लिए नियमित DGP नियुक्त किया था, जो झारखंड पुलिस महानिदेशक चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2025 के तहत किया गया था। केंद्र सरकार ने इस नियुक्ति को नियमों के विरुद्ध बताया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
राजद नेता कैलाश यादव ने केंद्र सरकार के निर्णय को अनुचित बताया है और आरोप लगाया है कि यह निर्णय राजनीतिक दबाव में लिया गया है। उन्होंने कहा कि अनुराग गुप्ता ने नक्सलियों पर लगाम लगाने और अफीम की अवैध खेती को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आज का दिन निर्णायक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रांची लौटेंगे, और उनके लौटने के बाद राज्य सरकार इस मामले में अंतिम निर्णय ले सकती है। यदि राज्य सरकार केंद्र के निर्देश का पालन करती है, तो अनुराग गुप्ता आज सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अन्यथा, मामला कानूनी विवाद का रूप ले सकता है।