मिरर मीडिया : झारखंड के लिए बड़ी खबर है जिसमें केंद्र सरकार की एक योजना का झारखंड को लाभ मिल सकता है। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने साल 2030 तक मिट्रिक टन कोल गैस उत्पादन करने का लक्ष्य बनाया है। वहीं इस योजना को पूरे करने के लिए केंद्र सरकार ने एक ख़ास योजना बनाई है। सूत्रों कि माने तो केंद्र सरकार ने Coal Gasification के लिए 6000 करोड़ के VGF के लिए जल्द टेंडर निकाल सकता है।
देश के लिए ये योजना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसमें कम कार्बन का उत्सर्जन होता है। इसके अलावा गैस आपूर्ति में मदद मिलेगी।
इस बाबत कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि फिलहाल कोल गैसीफिकेशन के लिए दुनिया में कोई भी सटीक टेक्नोलॉजी नहीं है। देश में Thermax कंपनी ने कोल गैसीफिकेशन टेक्नोलॉजी पर वर्क किया है और ये हमारे लिए एक बड़ी उम्मीद है।
उन्होंने आगे बताया कि कोल गैसिफिकेशन की प्रक्रिया में कोयले की कमी नहीं होनी चाहिए। इसको लेकर मिनिस्ट्री ऑफ कोल ने कोल इंडिया लिमिटेड और SCCL को विशेष निर्देश दिया है। गैसिफिकेशन कोल के लिए अलग से बोली शुरू की जाएगी। कोल इंडिया लिमिटेड ने कोल गैसिफिकेशन प्लांट बनाने के लिए BHEL, IOCL, GAIL जैसी कंपनियों के साथ MOU करार भी किया है।
कोयला मंत्री ने कहा कि इसको बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर का ध्यान खींचने की भी कोशिश की जा रही है। मिनिस्ट्री ऑफ कोल, गैसिफिकेशन प्लांट तैयार करने के लिए 15 फीसदी तक सब्सिडी देती है। इसका लाभ प्राइवेट और पब्लिक दोनों कंपनियां उठा सकते हैं। 50 फीसदी फाइनेंशियल पेमेंट अपफ्रंट कर दिया जाएगा, जबकि बकाया का भुगतान प्लांट तैयार होने के बाद किया जाएगा।
ग्रीन एनर्जी पर उन्होंने कहा कि कोल सेक्टर ने माइनिंग से होने वाली परेशानियों को लेकर विचार किया जा रहा है। सरकार सप्लाई और एनवायरनमेंट दोनों का बैलेंस बनाने की कोशिश कर रही है इस समय हमारा लक्ष्य 50 फीसदी एनर्जी का उत्पादन नॉन-फॉसिल्स फ्यूल से करना है। हम धीरे-धीरे कैपिटा पावर कंजप्शन को बढ़ाने पर भी ध्यान दे रहे हैं। हमें 2070 तक जीरो इमिशन का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कोल गैसिफिकेशन पॉलिसी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।

