डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : सदर अस्पताल चाईबासा ब्लड बैंक में थैलेसीमिया पीड़ित पांच बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के गंभीर मामले में झारखंड हाईकोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान के बाद राज्य सरकार जांच कर रही है। हाईकोर्ट ने सरकार को 10 दिसंबर तक विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
प्रारंभिक कार्रवाई:
- राज्य स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने स्वयं चाईबासा पहुंचकर जांच की थी।
- प्राथमिक जांच में तत्कालीन सिविल सर्जन डा. सुशांत कुमार मांझी और ब्लड बैंक प्रभारी चिकित्सक डा. दिनेश को निलंबित कर दिया गया था।
- ब्लड बैंक कर्मी मनोज कुमार को सेवा मुक्त कर दिया गया।
- पीड़ित बच्चों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है, और उनके संपूर्ण उपचार की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने ली है।
ब्लड बैंक की वर्तमान स्थिति:
- लाइसेंस लंबित होने के कारण सदर अस्पताल चाईबासा ब्लड बैंक वर्तमान में ब्लड कलेक्शन सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है।
- फिलहाल, 50 से अधिक यूनिट ब्लड स्टाक उपलब्ध है।
- अस्पताल में भर्ती मरीजों और थैलेसीमिया पीड़ितों को नियमानुसार रक्त दिया जा रहा है।
- 500 से अधिक यूनिट ब्लड जांच के लिए एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर भेजा गया है।
समस्या और नए नियम:
- प्राइवेट मरीजों को ब्लड देने पर रोक: आपात स्थिति को छोड़कर प्राइवेट मरीजों को ब्लड नहीं दिया जाएगा। केवल सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों और थैलेसीमिया पीड़ितों को ही ब्लड दिया जा रहा है।
- जांच में देरी: स्टाफ की कमी और जांच भार अधिक होने के कारण एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर में चाईबासा से भेजे गए ब्लड यूनिट की जांच में देरी हो रही है, जिससे स्थानीय स्टाक की कमी की अस्थायी चिंता बनी हुई है।
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. शिवचरण हांसदा ने बताया कि राज्य टीम जांच रिपोर्ट लेकर जा चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चाईबासा ब्लड बैंक में जल्द ही जांच सुविधा शुरू होने से यह समस्या समाप्त हो जाएगी।

