चैत्र नवरात्रि 2025 – अष्टमी तिथि का महत्व : करें माँ महागौरी की पूजा

KK Sagar
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चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी को दुर्गा अष्टमी या महाष्टमी कहा जाता है। यह नवरात्रि का अत्यंत शुभ और पवित्र दिन होता है। इस दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप ‘माँ महागौरी’ की पूजा की जाती है। साथ ही, कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है।

माँ महागौरी का स्वरूप

  • माँ महागौरी का रूप अत्यंत श्वेत और दिव्य है। इनका वर्ण चाँदनी की तरह उज्ज्वल है।
  • माँ श्वेत वस्त्रों में सुशोभित होती हैं, उनके चार भुजाएँ हैं:
    • एक हाथ में त्रिशूल
    • दूसरे में डमरू
    • तीसरा हाथ अभय मुद्रा
    • और चौथा वरद मुद्रा में होता है।
  • वे वृषभ (बैल) पर आरूढ़ होती हैं, इसलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है।
  • माँ महागौरी की पूजा करने से विघ्न, पाप और दुखों का नाश होता है।

माँ महागौरी पूजा विधि

  1. प्रातः स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थान को साफ करके माँ महागौरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  3. उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं या जल छिड़कें।
  4. माँ को सफेद फूल, अक्षत, चंदन, कुंकुम, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  5. भोग में सफेद मिठाई, नारियल, या दूध से बनी वस्तुएँ अर्पित करें।
  6. नीचे दिया गया मंत्र पढ़ें और कम से कम 108 बार जप करें।

मंत्र:

ॐ देवी महागौर्यै नमः।

या

श्वेते वस्त्रे श्वेते वृषे, श्वेतपद्मासना शुभाम्।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।

व्रत कथा (कहानी)

पुराणों के अनुसार, माँ पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने हेतु घोर तप किया था। कठोर तप से उनका शरीर काला हो गया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें गंगाजल से स्नान कराया, जिससे वे अत्यंत गौर वर्ण की हो गईं और उनका यह रूप ‘महागौरी’ कहलाया।

माँ महागौरी मुक्ति, करुणा, सौंदर्य और सुख-शांति की प्रतीक हैं।

कन्या पूजन का महत्व

  • अष्टमी तिथि पर 2 वर्ष से 10 वर्ष तक की कन्याओं को ‘कन्याओं में देवी का रूप’ मानकर पूजन किया जाता है।
  • नव कन्याओं को भोजन कराना, उन्हें उपहार देना और उनका आशीर्वाद लेना अति पुण्यकारी होता है।

कन्या पूजन विधि:

  1. कन्याओं के पैर धोकर उन्हें आसन पर बैठाएं।
  2. उन्हें तिलक लगाकर फूल, मिठाई, वस्त्र या उपहार अर्पित करें।
  3. उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
  4. भोजन में हलवा, पूरी, चने ज़रूर दें (ये पूजन का पारंपरिक भोग है)।

आरती: माँ महागौरी की आरती

जय महागौरी जगत की माया।
जय उमा भवानी जय महामाया।।
ब्रह्मा विष्णु शिव तुझे ध्यायें।
सब मिल तेरे गुण गुन गायें।।

सफ़ल मनोरथ होए तुम्हारे।
दर्शन मात्र से कटे संताप हमारे।।
जो भी करे तुम्हारा ध्यान।
कभी न हो उसका अमंगल काम।।

5 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त:

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 4 अप्रैल 2025 को रात्रि 9:09 PM से
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 5 अप्रैल 2025 को रात 7:27 PM तक
  • कन्या पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:59 AM से दोपहर 12:49 PM तक

विशेष फल

माँ महागौरी की पूजा विशेष रूप से विवाह में बाधा, कष्ट, रोग, दरिद्रता, दांपत्य कलह और मानसिक अशांति से मुक्ति दिलाती है। उनके पूजन से स्त्रियों को सौभाग्य और पुरुषों को तेज़ और स्थायित्व प्राप्त होता है।

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