संवाददाता, नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत में अब कुछ ही समय बचा है। 1 जनवरी 2025 से देश में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आम जनता की जेब और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ सकता है। इनमें एलपीजी सिलेंडर की कीमतों से लेकर यूपीआई के लेनदेन नियम और जीएसटी अनुपालन के नए प्रावधान शामिल हैं।ए
लपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ सकती हैं
जनवरी 2025 में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि की संभावना है। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 73.58 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी के दाम की समीक्षा करती हैं। फिलहाल दिल्ली में घरेलू सिलेंडर की कीमत 803 रुपये है, जो कई महीनों से स्थिर बनी हुई है।
फिक्स्ड डिपॉजिट के नियमों में बदलाव
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) से संबंधित फिक्स्ड डिपॉजिट के नियम 1 जनवरी 2025 से बदल जाएंगे। ग्राहकों को इन बदलावों का ध्यान रखना जरूरी है।
जीएसटी अनुपालन के सख्त नियम लागू
जीएसटी पोर्टल पर अब मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण (एमएफए) अनिवार्य कर दिया जाएगा। यह नियम उन सभी करदाताओं पर लागू होगा जो जीएसटी के तहत आते हैं। पहले यह नियम केवल 200 मिलियन रुपये से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले व्यापारियों पर लागू था।
यूपीआई 123Pay लेनदेन सीमा में बढ़ोतरी
यूपीआई 123Pay के तहत अब एक बार में 10,000 रुपये तक का लेनदेन किया जा सकेगा। पहले यह सीमा 5,000 रुपये थी, लेकिन 1 जनवरी 2025 से इसे दोगुना कर दिया जाएगा।
ईपीएफओ मेंबर्स के लिए एटीएम सुविधा
केंद्र सरकार ईपीएफओ के 7 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए एटीएम कार्ड से पीएफ निकालने की सुविधा पर काम कर रही है। यह सुविधा नए साल में कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है।
किसानों को मिलेगा बड़ा तोहफा, बिना गारंटी के लोन सीमा बढ़ाकर हुई 2 लाख
आरबीआई ने किसानों के लिए बिना गारंटी के लोन की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है। यह पहले 1.60 लाख रुपये थी। इस कदम से किसानों को आर्थिक मदद मिलने की संभावना है।
शेयर बाजार में बदलाव
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने 1 जनवरी 2025 से सेंसेक्स, बैंकेक्स और सेंसेक्स 50 की मासिक एक्सपायरी को हर महीने के आखिरी मंगलवार को तय कर दिया है। साप्ताहिक अनुबंध अब हर शुक्रवार के बजाय मंगलवार को समाप्त होंगे।
वाहन खरीदना होगा महंगा
जनवरी 2025 से कई प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, और लक्जरी ब्रांड्स जैसे मर्सिडीज-बेंज, अपनी कारों की कीमतों में 2 से 4 प्रतिशत तक की वृद्धि करेंगी। इस बढ़ोतरी का कारण उत्पादन लागत और अन्य आर्थिक कारकों को बताया गया है।
नए साल के साथ ये बदलाव न केवल आर्थिक क्षेत्र बल्कि आम आदमी की दिनचर्या में भी नए असर डालेंगे।