मिरर मीडिया : झारखंड में शराब नीति को लेकर माहौल गर्म है। तय लक्ष्य से कम वसूली पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रही है। बता दें कि करीब 1 साल पहले छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को ही झारखंड में नए उत्पाद नीति लागू करने के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया था।
इधर छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रही टीम ने शनिवार को रायपुर के चर्चित शराब कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल इस गिरफ़्तारी के तार झारखंड से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है।बता दें कि झारखंड में मौजूद शराब नीति को लेकर Eद ने पिछले दिनों ही आईएएस अधिकारी और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त करण सत्यार्थी से पूछताछ की है ऐसे में अब छत्तीसगढ़ में अनवर ढेबर की गिरफ्तारी से झारखंड की शराब नीति को लेकर राजनीति उथल पुथल होने के साथ माहौल गर्म है।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड की अनुशंसा पर मई 2022 में नए उत्पाद नीति लागू की गई थी जिसके साथ ही कई लोग और कंपनियां भी झारखंड आ गई।
छत्तीसगढ़ की कंपनियों की 2022-23 के लिए 25 सौ करोड रुपए की वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया है पर 15 दिसंबर 2022 तक मात्र 13 सौ करोड रुपए से अधिक की राजस्व वसूली की गई थी जो लक्ष्य से काफी कम था। वहीं लक्ष्य पूरा नहीं करने के कटान चारों प्लेसमेंट एजेंसियों की बैंक गारंटी जब्त कर ली गई थी और झारखंड में शराब बेचने के लिए नियुक्त छत्तीसगढ़ की कंपनी को सरकार ने हटा दिया।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात रायपुर के होटल में ED की टीम ने दबिश दी थी इस दौरान अनवर ढेबर से ED ने पूछताछ की थी उसके बाद अनवर को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
ED को अनवर ढेबर के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर शहर के कुछ कारोबारी ने शराब से अवैध कमाई की थी अनवर ढेबर के भाई महापौर एजाज ढेबर से भी ED की टीम पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है कि 29 मार्च को दीदी की टीम ने छत्तीसगढ़ के रायपुर दुर्ग बिलासपुर सहित 17 ठिकानों पर दबिश दी थी या छापेमारी रायपुर महापौर एजाज ढेबर उसके भाई अनवर ढेबर के घर दफ्तर और होटल के साथ ही सिविल लाइन स्थित आईएस अनिल टुटेजा के घर शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, सुरजीत सिंह भाटिया, गुरजीत सिंह और इस ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों ने के ठिकाने और दुर्ग के हिस्ट्रीशीटर एवं होटल कारोबारी विनोद बिहारी के साथ ही उनके कुछ करीबी लोगों के ठिकानों पर की गई थी तलाशी में लेनदेन के दस्तावेज जमीन के पेपर और चल अचल संपत्ति की जानकारी मिली थी।