संस्कृति संरक्षण की अनोखी पहल
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार ने राज्य की कला और संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के साथ-साथ दुर्लभ और विलुप्तप्राय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री गुरु शिष्य परंपरा योजना’ की शुरुआत की है।
दुर्लभ कलाओं में मिलेगा प्रशिक्षण
इस योजना के तहत दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला विधाओं को संरक्षित करने के लिए युवा प्रतिभाओं को विशेषज्ञ गुरुओं द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। योजना में प्रशिक्षण अवधि 2 वर्ष निर्धारित की गई है।
गुरु, संगत कलाकार और शिष्य को आर्थिक सहायता
योजना के तहत गुरुओं को ₹15,000 प्रतिमाह, संगत कलाकारों को ₹7,500 प्रतिमाह और चयनित शिष्यों को प्रशिक्षण के लिए ₹3,000 प्रतिमाह प्रदान किया जाएगा।
गुरु और शिष्य के चयन की प्रक्रिया
गुरुओं का चयन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार की गठित विशेषज्ञ समिति के माध्यम से किया जाएगा। शिष्यों का चयन चयनित गुरु और जिला कला एवं संस्कृति कार्यालय द्वारा किया जाएगा।
किन कलाओं में होगा प्रशिक्षण
इस योजना के अंतर्गत विलुप्तप्राय लोक गाथा, लोकनाट्य, लोक नृत्य, लोक संगीत, लोक वाद्य यंत्र आदि विधाओं में नई पीढ़ी को प्रशिक्षित किया जाएगा।
जमुई जिले में आवेदन आमंत्रित
जिले के वरिष्ठ कलाकार और इच्छुक प्रशिक्षु अधिक जानकारी और आवेदन के लिए जिला कला एवं संस्कृति कार्यालय, जमुई में संपर्क कर सकते हैं।