डिजिटल डेस्क, मिरर मीडिया: झारखंड आंदोलनकारी और विस्थापित मुक्ति वाहिनी संगठन के संयोजक कपूर बागी उर्फ कपूर टुडू के निधन की खबर सुनकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को सरायकेला जिले के चांडिल प्रखंड स्थित चाकुलिया गांव पहुंचे। यहां उन्होंने कपूर बागी के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में भाग लिया और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सीएम ने इस अवसर पर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की।
कपूर बागी झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सह पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के भांजे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के फुफेरे भाई थे। हालांकि, उन्होंने हमेशा एक सादा जीवन जीते हुए अपने पारिवारिक रिश्तों को राजनीतिक लाभ से दूर रखा। वे वर्षों तक आदिवासी समाज और विस्थापितों के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे।
कपूर बागी के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए। सबकी आंखें नम थीं, क्योंकि वे एक ऐसे योद्धा को विदा दे रहे थे, जिसने हमेशा जनता के हक की आवाज बुलंद की।
परिवार में लगातार दुखद घटनाओं की छाया बनी हुई है। वर्ष 2022 में कपूर बागी के छोटे भाई किशोर टुडू का निधन हो गया था और आठ महीने पहले सबसे छोटे भाई अनूप टुडू का भी निधन हो गया। दुख की बात यह है कि तीनों भाइयों की मौत किडनी फेल्योर के कारण हुई।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कपूर बागी जैसे संघर्षशील कार्यकर्ता समाज के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने न केवल आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ी, बल्कि अपनी सादगी और ईमानदारी से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई। राज्य सरकार उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगी।