मणिपुर हिंसा के लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखा पत्र, कहा मणिपुर में बढ़ती स्थिति से कई जातीय समूहों के बीच असुरक्षा की गंभीर भावना हुई पैदा

Anupam Kumar
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मिरर मीडिया : मणिपुर में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला वीडियो इस समय काफी चर्चा में है। भीड़ ने दो लड़कियों को निर्वस्त्र कर बिना कपड़ों के घुमाया और फिर कथित तौर पर उनके साथ दुष्कर्म भी किया। ऐसी ही एक घटना पश्चिम बंगाल के मालदा में घटी थी, जहां दो दलित महिलाओं को पीटा गया और फिर उनके कपड़े उतार दिए।

इसी बीच झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर हिंसा को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि मैं मणिपुर राज्य में जारी हिंसा पर भारी मन और गहरी पीड़ा के साथ आपको लिखने के लिए मजबूर हूं। उन्होंने लिखा कि वहां शांति बहाल करने की दिशा में काम होना चाहिए।

हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री और इस देश के एक चिंतित नागरिक के रूप में, मैं मणिपुर में बढ़ती स्थिति से बहुत व्यथित और चिंतित हूं। मणिपुर में सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान चली गई है।
उन्होंने कहा कि संपत्ति और सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्टर का विनाश, अकथनीय यातना और महिलाओं का यौन शोषण, विस्थापन से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले कई जातीय समूहों के बीच असुरक्षा की गंभीर भावना पैदा हो गई है।

वहीं सीएम ने आगे कहा कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने हम सभी को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त मानव जीवन और सम्मान के आंतरिक सिद्धांत पूरी तरह से टूटते नजर आ रहे हैं। एक समाज को कभी भी उस बिंदु तक नहीं पहुंचना चाहिए, जहां लोगों को उस तरह की शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक क्रूरता का सामना करना पड़े, जैसा हमने मणिपुर में देखा है।
यह जानकर हैरानी हुई कि राज्य सरकार अपने ही लोगों की रक्षा करने और हिंसा और अशांति को कम करने में विफल रही है। मणिपुर दो महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। मीडिया रिपोर्टों का अनुमान है कि बच्चों सहित 40,000 से अधिक लोग विस्थापित गए हैं। वे अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि यहां कानून का शासन पूरी तरह से टूट गया है और यह बेहद दुखद है कि कुछ निहित स्वार्थों के मौन समर्थन के साथ, यह जातीय हिंसा निरंतर जारी है।

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