मिरर मीडिया : ED के जांच का दायरा अधिकारीयों से बढ़ते हुए अब राजनेताओं तक पहुँचता हुआ दिखाई दे रहा है। सूत्रों की मानें तो संताल क्षेत्र में अवैध पत्थर खनन व परिवहन मामले में भी वहां के प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा कुछ दबंग, पत्थर माफिया की सक्रियता की भी जानकारी ED को मिली है। कालाधन का शेल कंपनियों व रिश्तेदारों के माध्यम निवेश करने की भी बात सामने आ चुकी है।
ED के इन्हीं जांच के क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की मिलीभगत की बात भी सामने आ चुकी है। इसके बाद से ही यह बात सामने आ रही थी कि हालांकि सूत्रों कि माने तो इसी बीच यह नई जानकारी सामने आई है कि ईडी ने पंकज मिश्रा के विरुद्ध दर्ज केस को टेकओवर कर लिया है।
गौरतलब है कि पंकज मिश्रा ने पिछले दिनों मीडिया में यह बयान दिया था कि वे ईडी की जांच से डरने वाले नहीं हैं। वे भी तैयार बैठे हैं और उस दिन का इंतजार कर रहे हैं कि कब ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ करें। पंकज मिश्रा ने डंके की चोट पर कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और वे हर सवाल का जवाब साक्ष्य के साथ देने में सक्षम हैं।
मालूम हो कि पंकज मिश्रा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं। ज्ञात रहें कि ईडी ने पिछले दिनों जब पाकुड़ और दुमका के खनन पदाधिकारियों से पूछताछ की थी तो यह बात सामने आई थी कि संताल परगना क्षेत्र में खनन माफियाओं का बहुत बड़ा और मजबूत नेटवर्क काम कर रहा है। यह बात भी सामने आई थी कि गंगा नदी के रास्ते झारखंड से स्टोन चिप्स बांग्लादेश तक भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का इस क्षेत्र में राज कायम है। वही इस क्षेत्र के खनन कारोबारियों को गाइड करते हैं।
इधर प्रवर्तन ईडी ने साहिबगंज के बड़हरवा में जून-2020 के टेंडर विवाद में दर्ज केस को टेकओवर कर लिया है। ईडी ने इसमें मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है, जिसमें मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा व अन्य को आरोपित किया है। जांच की आंच मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि दर्ज केस में पंकज मिश्रा व अन्य अंकित है।