डिजिटल डेस्क। कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक वर्षीय बच्चे की हत्या के दोषी आंध्र प्रदेश के एक दंपती की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। अदालत ने इसे ‘दुर्लभतम मामला’ नहीं माना और फैसला सुनाया कि दोषी दंपती को बिना किसी छूट के कम से कम 40 साल की कैद होगी।
न्यायमूर्ति देबांग्सु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए मृत्युदंड के अलावा कोई भी अन्य सजा अपर्याप्त नहीं होगी। पीठ ने दोषियों की उम्र और अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदलने का निर्णय लिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार दंपती ने तेलंगाना के सिकंदराबाद में बच्चे की हत्या कर दी थी। उन्होंने बच्चे के शव को एक बैग में पैक कर जनवरी 2016 में हावड़ा जाने वाली फलकनुमा एक्सप्रेस में रख दिया था। हावड़ा रेलवे स्टेशन पर 24 जनवरी, 2016 को पुलिस को ट्रेन से बैग मिला, जिसमें बच्चे का शव था। बच्चे के शरीर पर चोट के निशान थे।
हावड़ा की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 27 फरवरी, 2024 को दंपती को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। बताया गया कि बच्चा महिला के विवाहेतर संबंध से था और दंपती बच्चे के रोने से परेशान होकर उसे पीटते थे। एक दिन बच्चे की पिटाई के बाद दवा देने से उसकी मौत हो गई, जिसके बाद उन्होंने शव को ट्रेन में छोड़ दिया।