महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल करते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपनी पहली पूर्ण महिला कमांडो इकाई का गठन किया है। इस कदम से महिलाओं को अग्रिम पंक्ति की परिचालन भूमिकाओं में शामिल किया जाएगा।
विशेष प्रशिक्षण की शुरुआत
मध्यप्रदेश के बरवाहा स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र (RTC) में महिला कमांडो का विशेष प्रशिक्षण प्रारंभ हो चुका है। 8 सप्ताह का यह गहन कोर्स उन्हें उच्च सुरक्षा प्रतिष्ठानों और संयंत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) व विशेष कार्य बल (STF) जैसी भूमिकाओं के लिए तैयार करेगा।
प्रशिक्षण में शामिल होंगी कठिन चुनौतियाँ
प्रशिक्षण कार्यक्रम में शारीरिक एवं हथियार कौशल, लाइव-फायर अभ्यास, सहनशक्ति दौड़, बाधा दौड़, रैपलिंग, जंगल में जीवित रहने की तकनीक और 48 घंटे का आत्मविश्वास निर्माण अभ्यास शामिल किया गया है।
पहला बैच हवाई अड्डों से आया
पहले बैच में 30 महिला कर्मी शामिल हैं, जो फिलहाल विभिन्न हवाई अड्डों पर तैनात हैं। इनका प्रशिक्षण 11 अगस्त से 4 अक्टूबर 2025 तक चलेगा, जबकि दूसरा बैच 6 अक्टूबर से 29 नवंबर 2025 तक प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। प्रारंभिक चरण में कम से कम 100 महिलाएँ इस विशेष कोर्स को पूरा करेंगी।
प्रमुख प्रतिष्ठानों पर होगी तैनाती
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद महिला कमांडो को मुख्य रूप से हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर तैनात किया जाएगा, जहाँ उन्हें सुरक्षा की अहम जिम्मेदारियाँ सौंपी जाएँगी।
10% महिला बल का लक्ष्य
गृह मंत्रालय ने CISF में 10% महिला बल सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में बल में 12,491 (लगभग 8%) महिला कर्मी कार्यरत हैं। वर्ष 2026 में 2400 महिलाओं की भर्ती की योजना है, ताकि यह संख्या लगातार बढ़कर 10% से अधिक हो सके।
लैंगिक समानता की नई मिसाल
CISF का मानना है कि महिलाओं को मुख्य अभियानों का हिस्सा बनाना न केवल लैंगिक समानता की दिशा में अहम उपलब्धि है, बल्कि यह भी साबित करेगा कि महिलाएँ उन क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं जिन्हें अब तक केवल पुरुषों का कार्यक्षेत्र माना जाता था।