बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ से निपटने की पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक शामिल हुए।
जमुई जिले से जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा और पुलिस अधीक्षक मदन आनंद ने अपने जिले के संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ एनआईसी, जमुई से भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मानसून के पहले सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी की जाएं। आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी निरंतर निगरानी करने को कहा गया। उन्होंने दवाएं, पशु चिकित्सा सामग्री, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया और सर्पदंश की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावना को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहने को कहा। उन्होंने नदियों को जोड़ने की योजना बनाने, गाद हटाने का कार्य तेज़ करने और भू-जल स्तर की निगरानी करने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि हर घर नल का जल योजना का रख-रखाव बेहतर किया जाए और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सटीक आकलन कर वास्तविक लाभार्थियों की सूची तैयार की जाए। जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण अधूरा है, वहां कार्य शीघ्र पूरा करने को कहा गया।
मुख्यमंत्री ने लू, आगजनी की घटनाओं और पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक तैयारियां रखने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को सतर्कता और तत्परता से काम करने की सलाह दी, ताकि आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिल सके।
बैठक के बाद जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में पुलिस अधीक्षक, अपर समाहर्ता समेत विभिन्न विभागों के कार्यपालक अभियंता और अधिकारी उपस्थित रहे।