डिजिटल डेस्क/जमशेदपुर : झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को धालभूमगढ़ के नरसिंहगढ़ में चुनावी जनसभा की। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व घाटशिला के पूर्व विधायक डॉ. प्रदीप कुमार बलमुचू भी धालभूमगढ़ में थे, लेकिन सीएम के मंच से दूरी बनाए रखी। वे सभा से कुछ किलोमीटर दूर कांग्रेस संगठन पर चर्चा में मशगूल रहे।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बलमुचू ने कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की आशंका जताई। उन्होंने प्रभारी व वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया। बलमुचू ने कहा, बीजेपी ने पिछले बार हेमंत सोरेन को जेल भेजकर गठबंधन सरकार अस्थिर करने की कोशिश की। लेकिन इतिहास भूलें नहीं- 2010-13 में भाजपा-झामुमो गठबंधन था, जहां ढाई साल अर्जुन मुंडा व ढाई साल हेमंत सीएम बनने की चर्चा थी, लेकिन मुंडा ने पूरा कार्यकाल किया और सरकार गिर गई, राष्ट्रपति शासन लगा।
अपने पार्टी नेताओं को इशारों में नसीहत देते हुए बलमुचू ने कुछ को ‘स्लीपर सेल’ कहा। दूसरे दलों से आए नेताओं को सम्मान मिला, अब वे वरिष्ठों को ज्ञान न दें। कांग्रेस मजबूत करने की बात पर कुछ झामुमो को मजबूत करने लगते हैं। गठबंधन अलग, पार्टी को ग्राउंड पर मजबूत रखें।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद व आयोग पुनर्गठन मांग पत्र का समर्थन करते हुए बलमुचू ने कहा, इससे क्रेडिट कांग्रेस को मिलेगा, पार्टी वालों को दर्द क्यों? कुछ चाटुकारिता के लिए ज्ञान बांट रहे। घाटशिला उपचुनाव में स्वार्थ नहीं, कार्यकर्ताओं की भावना आलाकमान तक पहुंचाई।

