जिला उपायुक्त माधवी मिश्रा की अध्यक्षता में शुक्रवार को पीसी एंड पीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में बायोमेडिकल अपशिष्ट के सही निपटान को लेकर गंभीर चर्चा हुई।
उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन को शिकायतें मिली हैं कि बायोमेडिकल अपशिष्ट को नगर निगम के सामान्य कचरे के साथ मिलाकर फेंका जा रहा है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि संबंधित एजेंसी को वैज्ञानिक प्रक्रिया से अपशिष्ट निस्तारण करना होगा। इस संबंध में सिविल सर्जन को जांच कर शीघ्र रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की हालिया जांच की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने जांच दल को निर्देश दिया कि हर कार्रवाई की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाए और औचक निरीक्षण जारी रखा जाए। इसके साथ ही पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं के आयोजन पर भी जोर दिया गया।
इसके अलावा, बैठक में नए और नवीनीकरण के लिए आए अल्ट्रासाउंड सेंटरों के आवेदनों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सेंटरों का भौतिक सत्यापन करें और बिल्डिंग नक्शे, अग्निशमन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र सहित अन्य आवश्यक दस्तावेजों की जांच सुनिश्चित करें।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. चंद्रभानु प्रतापन, कार्यपालक दंडाधिकारी रविन्द्र नाथ ठाकुर, डॉ. विकास राणा, डॉ. राजकुमार सिंह, डॉ. शम्स तबरेज खान, डॉ. गायत्री सिंह, डॉ. नीतू सहाय, डॉ. राकेश इंदर सिंह, डीपीआरओ सुनील कुमार सिंह समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।