जमशेदपुर : करीम सिटी कॉलेज के इनोवेशनल इकोसिस्टम एंड इनक्यूबेशन सेल के तत्वाधान में तीन दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम के आज अंतिम दिन में मुख्य रूप से शहर के युवाओं में इन्क्यूबेशन ,पेटेंट और नवोन्मेष पर चर्चाए हुई। तीसरे दिन इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मनाकुला विनायगर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी,पुडुचेरी की प्रोफेसर हेड डॉ आर वल्ली रही। कार्यक्रम का अंतिम दिन 28 जून सुबह 11 बजे से गूगल मीट पर विश्वविद्यालय के इंनोवेशंन सेल के मेंबर डॉ तुफैल अहमद द्वारा सभी गणमान्य अतिथिजनो, शिक्षक-शिक्षिका व मौजूद छात्रों का अभिवादन कर आरंभ हुआ। डॉ वल्ली ने थॉमस एडिसन द्वारा लिखी लाइन “इसे बेहतर तरीके से करने का एक तरीका है -इसे खोजे” कोट को उद्घृत करते हुए शुरुआत किया। उन्होंने कहा नवोन्मेष तब मुमकिन हैं जब हम यह पता लगा ले कि अविष्कार से पैसे कैसे बनाए जा सकता हैं। आवश्यकता अविष्कार के व्यवसायीकरण की जननी हैं और रचना रचनात्मकता नवाचार के माता पिता हैं।
आविष्कार नवाचार का आधार हैं। उन्होंने कहा एक आविष्कार एक तकनीकी समस्या का एक नया समाधान हैं और पेटेंट के माध्यम से सरंक्षित किया जा सकता हैं। आविष्कार नए विचारों का निर्माण हैं। उन्होंने बताया की इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना के माध्यम से छोटे उद्योगों अत्यधिक प्रशिक्षित छात्राओं और प्रोफ़ेसर के सहयोग से काम कर सकते हैं। उन्होंने फिर समझाते हुए कहा की किस तरीके से भारत में स्टार्ट- अप किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा अपनी व्यवसाय योजना तैयार कर, सही व्यवसाय सरंचना चुने। बैंक ऋण, एंजल निवेशक, उद्यम पूंजी जैसे धन की तलाश करे, पंजीकरण प्राप्त करे, स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम में पंजीकरण करे, एक अच्छी डिजिटल उपस्थिति बनाए और एक बढ़िया कार्यक्षेत्र प्राप्त करे। स्टार्ट अप से जुड़े और तमाम बातें उन्होंने सभी के सामने समझाते हुए रखी। आगे उन्होंने अपनी टीम द्वारा बनाए कुछ उत्पादों जैसे औटोमेक वाटर डिस्पेंसर और औटोमेटेड सैनिटाइजर डिस्पेंसर पर चर्चा कर उन्मुखीकरण से संबंधित कुछ प्रशनो के उत्तर दिए। इसी के साथ तीन दिवसीय उन्मुखीकरण कार्य समाप्त हुआ।