Creativity, Culture और Content की तिकड़ी – PM मोदी ने बताया आखिर क्या है? WAVES

KK Sagar
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PM modi in WAVES

मुंबई की मिट्टी ने आज एक ऐसी गूंज सुनी, जो सिर्फ एक इवेंट की घोषणा नहीं थी, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत थी। World Audio Visual & Entertainment Summit यानी WAVES – एक ऐसा मंच, जो न सिर्फ कला और संस्कृति का उत्सव है, बल्कि भारत की रचनात्मक आत्मा का वैश्विक उद्घोष है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने WAVES को संबोधित करते हुए कहा,
“WAVES सिर्फ एक acronym नहीं है। यह एक लहर है – Culture की, Creativity की और Universal Connect की। यह मंच हर कलाकार, हर युवा का है, जो अपने विचारों से दुनिया को बदलना चाहता है।”

भारत के लिए यह Orange Economy के उदय का समय है – एक ऐसी अर्थव्यवस्था जहां Content, Creativity और Culture मिलकर नया भविष्य रचते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्मों की पहुंच आज दुनिया के कोने-कोने तक है।
“यह ‘Create in India, Create for the World’ का सबसे उपयुक्त समय है।”

आज जब दुनिया नई कहानियों की तलाश में है, भारत के पास सदियों पुराना एक खजाना है – मिथकों, लोक कथाओं और प्रेरणाओं का, जो आज भी उतना ही जीवंत है। पीएम मोदी ने कहा,
“हमारी कहानियां timeless हैं, हमारी कल्पनाएं limitless हैं, और हमारा आत्मविश्वास अब global है।”

भारत, जो कभी सिर्फ उपभोक्ता था, अब निर्माता बन चुका है – फिल्मों का, गेमिंग का, म्यूज़िक का, फैशन का और digital content का। उन्होंने कहा कि Animation और Graphics में भारत के लिए अब विश्व स्तर पर नेतृत्व करने का अवसर है। 430 अरब डॉलर का ये global market अगले दस वर्षों में दोगुना हो सकता है – और भारत इसमें निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने Live Concerts और Cultural Performances से जुड़े सेक्टर्स में भी नई संभावनाओं की बात की और कहा कि अब समय है कि भारत सिर्फ कहानियां न कहे, बल्कि उन्हें पूरी दुनिया को सुनाए।

प्रधानमंत्री ने कहा,
“लाल किले से जब मैंने ‘सबका प्रयास’ की बात की थी, तब कल्पना नहीं की थी कि ये लहर इतनी तेज होगी। आज यह विश्वास और गहरा हो गया है कि WAVES जैसी पहलें भारत को रचनात्मकता के वैश्विक शिखर तक ले जाएंगी।”

इस ऐतिहासिक दिन को और भी खास बनाता है एक संयोग – 3 मई 1913 को भारत की पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ रिलीज हुई थी। और कल ही थे इसके निर्माता दादासाहेब फाल्के की जयंती।
सिनेमा की उसी शुरुआत को आज WAVES एक नए युग में बदल रहा है।

आज मुंबई में 100 से अधिक देशों के कलाकार, निवेशक और नीति निर्माता एक मंच पर हैं – और यहीं से एक नई क्रिएटिव लहर उठी है।

WAVES अब एक सम्मेलन नहीं, एक संकल्प है। भारत से उठी यह लहर अब दुनिया के हर कोने तक जाएगी।

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