बंधागोभी की खेती बनी आलोका रानी महतो की पहचान, परिवार की आर्थिक स्थिति को किया मजबूत, तकनीकी प्रशिक्षण से बन रही हुनरमंद

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : महिलाओं के प्रति समाज की सोच को तोड़ते हुए घाटशिला प्रखंड के तमकपाल गांव की रहने वाली आलोका रानी महतो आज महिलाओं के लिये प्रेरणास्रोत बनकर उभरी हैं। यह सफलता की कहानी उस महिला की है जिन्होने घर का काम संभालने के साथ-साथ खेत-खलिहान भी देखती हैं, इन्होंने खेती की शुरूआत तो पुराने तरीके से की, लेकिन आज नई तकनीकों से खेती करके लाभ कमा रही हैं। आलोका रानी महतो की पहचान विशेषकर बंधागोभी की खेती को लेकर है। वे पिछले 6 सालों से सब्जी की खेती कर रही हैं । खेती के कार्य में आलोका को उनके परिवार वाले का भी पूरा सहयोग मिलता है तथा बेहतर जीवनयापन कर रही हैं।

जोहार परियोजना से पानी की समस्या हुई दूर

आलोका बताती हैं कि पहले पानी की समस्या होने के कारण कम जमीन में ही खेती कर पाती थी। आत्मा संस्थान के सहयोग से पिछले साल सोलर पंपसेट जोहार परियोजना के अंतर्गत मिला। सौर उर्जा चालित पंपसेट होने से अब शून्य लागत में सिंचाई का सुविधा प्राप्त हुआ। सिंचाई कुआं से 1.5 एकड़ के खेत में सिंचाई की सुविधा सुलभ हो पाया जिसमें सब्जी की खेती करती हैं। आलोका ने लगभग 2000 बंधागोभी का पौधा लगाया है। इसके अलावा भिंडी व लौकी की बुआई अन्य खेत में किया है। बीते दिनों बंधागोभी की उपज होने से आलोका को 40 हजार से अधिक का मुनाफा हुआ। 80-90 हजार सलाना बंधागोभी की खेती से आलोका को लाभ हो रहा है। विगत वर्ष 2022-23 में आलोका रानी को आत्मा अन्तर्गत क्रियान्वित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत 1 एकड़ में गरमा मूंग का प्रत्यक्षण कराया गया जिसका उपज लगभग तीन तोड़ाई में ढ़ाई क्वींटल प्राप्त हुआ है।

आत्मा द्वारा चलाये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम से आलोका रानी महतो व उनके जैसे सभी प्रगतिशील किसानों को जिला कृषि कार्यालय द्वारा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाता है। बीते माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुई आलोका रानी महतो ने समेकित कृषि प्रणाली के बारे में जाना तथा बड़े स्तर पर इस प्रणाली को अपनाते हुए खेती किसानी को लेकर उत्साह दिखाया है। आगे जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी कहते हैं कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर दृढ़ संकल्पित है, ऐसे में आलोका रानी महतो व इनके जैसे अन्य किसानों को प्रोत्साहित कर तकनीकी प्रशिक्षण देना हो या योजनाओं का लाभ, जिला प्रशासन द्वारा किसान हित में सजग प्रयास किए जा रहे हैं।

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