मिरर मीडिया : आए दिन निजी स्कूलों द्वारा निकाले जा रहें मनमाने फरमान से अभिभावक परेशान हो चुकी है। तमाम शिकायतों और गुहार लगाने के बावजूद अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक नहीं लग पाने से परेशान दिख रहें है। कारण कभी शुल्क में बढ़ोतरी तो कभी किताब कॉपी के नाम पर उगाही। वहीं इसके बाद अब स्कूल ड्रेस के नाम पर अभिभावकों को परेशान करने का नया मामला सामने आया है।
बता दें कि मामला DAV स्कूल कोयला नगर का है जहां स्कूल प्रबंधन ने नए ड्रेस खरीदने के नोटिस जारी कर दिए है। खास बात यह है कि इसको खरीदने के लिए अग्रवाल ड्रेसेज टेक्सटाइल मार्केट दुकान का नाम भी अंकित किया गया है। जिसके बाद अभिभावकों ने आंदोलन करने की चेतावनी दे डाली है।
जानकारी के अनुसार पुराने ड्रेस को बदलकर नया ड्रेस जिसमें काले रंग का पेंट और पीले रंग का शर्ट कर दिया गया गया है। कई अभिभावकों ने तो ड्रेस खरीद भी लिए हैं वहीं कई ने रोष प्रकट करते हुए स्कूल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ आंदोलन करके की बात कही है। अभिभावकों का कहना है 5 महीने के बाद नए सत्र शुरू हो जाएंगे त्यौहार का मौसम है मुश्किल से 2 से तीन महीना स्कूलों में अब पढ़ाई होगी ऐसे में बीच में नए ड्रेस के लिए फरमान जारी करना कहीं ना कहीं स्कूल प्रबंधन के हिटलर शाही रवैया को दर्शाती है।
वही जब इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक भूतनाथ रजवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बीच में स्कूल ड्रेस के लिए अभिभावकों को बाध्य नहीं किया जा सकता इस मामले में स्कूल प्रबंधन से वार्ता की जाएगी और अभिभावको के हित में फैसला लिया जाएगा हालंकि डीएवी स्कूल पूरे जोन में ड्रेस चेंज करता है केवल एक कोयला नगर मनमानी नहीं कर सकता।
वहीं इस सन्दर्भ में झारखंड अभिभावक महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा ने बताया कि बीच सेशन में इस तरह का फरमान निकालना सरकुलेशन के विपरीत और गलत है। ये कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है। वहीं नए सत्र में अभिभावकों संग बैठक करने के बाद ही ड्रेस बदली जा सकती है।
कारण चाहे जो भी हो लेकिन निजी विद्यालय की मनमानी में अभिभावक बीच में पीस जाते हैं नए सत्र में ड्रेस चेंज करना अलग बात है मगर बीच में नया ड्रेस के लिए अलग फरमान जारी करना, कहीं से भी नियम संगत नजर नहीं आता है। वहीं जब इस पूरे मामले पर जब स्कूल प्रबंधन से वार्ता करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।