पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच एक बार फिर टकराव हुआ। दिल्ली चलो मार्च के तहत किसान जत्थे की राजधानी की ओर बढ़ने की कोशिश को पुलिस ने रोक दिया, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। भिड़ंत में कई किसानों के घायल होने की खबर है।
पुलिस और किसानों के बीच तनाव
हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर किसानों के जत्थे को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए। किसानों के विरोध करने पर पुलिस ने बल का प्रयोग किया। इसके बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं और राष्ट्रीय राजधानी तक पैदल मार्च करने की तैयारी में हैं।
इंटरनेट सेवाएं बाधित
किसानों के आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के कुछ हिस्सों में 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। यह कदम अफवाहों को फैलने से रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। हरियाणा गृह विभाग ने इस संबंध में दूरसंचार अधिनियम, 2023 और दूरसंचार (सेवाओं का अस्थायी निलंबन) नियम, 2024 के तहत आदेश जारी किए हैं।
10 महीने से जारी आंदोलन
किसानों का यह विरोध प्रदर्शन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ और ‘किसान मजदूर मोर्चा’ के नेतृत्व में हो रहा है। 101 किसानों का एक समूह पैदल मार्च करते हुए दिल्ली पहुंचने की कोशिश में है। इससे पहले, किसानों ने 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाला हुआ है।
किसानों की मांगें
किसान लंबे समय से अपने हक की मांग कर रहे हैं, जिसमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी, कर्ज माफी और फसलों की उचित कीमत जैसे मुद्दे शामिल हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
स्थिति पर नजर
प्रशासन और सुरक्षा बल स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि, किसानों का कहना है कि वे किसी भी परिस्थिति में अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह आंदोलन आने वाले दिनों में किस दिशा में आगे बढ़ता है।