पिछले 177 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद Delhi के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में CBI केस में जमानत मिल गई। केजरीवाल को 10 लाख के बॉन्ड पर जमानत मिली है। साथ ही वो केस की मेरिट्स पर कोई कमेंट नहीं कर सकेंगे। केजरीवाल कुछ देर में जेल से बाहर आएंगे। बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने यह फैसला दिया।
विदित हो कि ED के मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है।
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं। पहली जमानत याचिका को लेकर थी और दूसरी सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी और रिमांड के विरोध में थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका स्वीकारते हुए जमानत तो दे दी लेकिन दूसरी याचिका को अस्वीकार करते हुए सीबीआई की गिरफ्तारी को अवैध नहीं ठहराया। हालांकि, जस्टिस भुइयां ने इसे लेकर एक बड़ी टिप्पणी कर दी। जस्टिस भुइयां ने ये कहा दिया कि सीबीआई को पिंजरे के तोते की छवि से मुक्त होना चाहिए।
ED के केस में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है जबकि यह मामला CBI की ओर से की गई गिरफ्तारी और रेगुलर बेल से जुड़ा था। ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी। वहीं, अब सीबीआई केस में भी सर्वोच्च न्यायालय से केजरीवाल को जमानत दे दी है। ऐसे में अब उनका जेल से बाहर आना तय हो गया है। अरविन्द केजरीवाल शाम 5 बजे तक जेल से बाहर आ सकते हैं। ईडी केस में अंतरिम जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।
दरअसल यह मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस नीति को बाद में निरस्त कर दिया गया था। ED ने आबकारी नीति स्कैम के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक अलग मामला दर्ज किया था। सीबीआई और ED के अनुसार के मुताबिक दिल्ली शराब नीति में संशोधन करके अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी।