जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिंदुओं के नरसंहार के बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। इस बीच सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया है। अब इस बोर्ड में सात सदस्य होंगे। ये सातों अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे। इसमें तीन सैन्य पृष्ठभूमि के रिटायर अफसर होंगे। दो रिटायर आईपीएस अधिकारी होंगे। एक भारतीय विदेश सेवा से रिटायर अधिकारी होंगे।
पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी बने अध्यक्ष
पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी इस बोर्ड का हिस्सा होंगे। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त दो सदस्य हैं। सात सदस्यीय बोर्ड में बी वेंकटेश वर्मा सेवानिवृत्त आईएफएस हैं।
बदले हालात में इस बोर्ड की भूमिका अहम
बता दें कि यह बोर्ड देश की सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है। बदले हालात में इस बोर्ड की भूमिका काफी अहम हो गई है।
इस बीच प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। बैठक में क्या फैसला लिया गया, यह अभी नहीं बताया गया है।
पहलगाम हमलों के बाद सीसीएस की दूसरी बैठक
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा व्यक्त की।