Delhi:अब 2000 करोड़ के घोटाले में फंसे सिसोदिया-सतेन्द्र, क्लासरूम-घोटाले में आया आप नेताओं का नाम

Neelam
By Neelam
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। एंटी करप्शन ब्रांच ने बुधवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर आम आदमी पार्टी  सरकार के कार्यकाल में स्कूल कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। यह मामला भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है। आप के कार्यकाल के दौरान 2,000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था।

आरोप है कि क्लासरूम बनाने में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उस समय मनीष सिसोदिया दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री थे। सत्येंद्र जैन लोक निर्माण मंत्री (PWD) थे। एंटी करप्शन ब्रांच की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दिल्ली में आप सरकार के शासनकाल में 12,748 कक्षाओं और भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ का भारी घोटाला सामने आया है।

पांच गुना ज्यादा पैसे दिए गए

एंटी करप्शन ब्रांच का कहना है कि क्लासरूम बनाने के लिए बहुत ज्यादा पैसे दिए गए। एक क्लासरूम बनाने में 24.86 लाख रुपये खर्च किए गए। एसीबी के अनुसार, आमतौर पर दिल्ली में एक क्लासरूम 5 लाख रुपये में बन जाता है। मतलब लगभग पांच गुना ज्यादा पैसे दिए गए। आरोप पत्र के अनुसार, इन कक्षाओं के निर्माण में घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया गया, लेकिन इसका पैसा बेहतर आरसीसी निर्माण तकनीकी की दर से वसूल किया गया। एजेंसी का आरोप है कि इस मामले में भारी वित्तीय गड़बड़ी की गई है।

ठेकेदारों में ज्यादातर आप से जुड़े लोग

एंटी करप्शन ब्रांच की जांच में पता चला है कि क्लासरूम/बिल्डिंग के निर्माण की लागत बढ़ाकर दर्शाई गई थी। इसके अलावा निर्धारित अवधि के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ था। निर्माण कार्य के लिए कंसलटेंट और आर्किटेक्ट की नियुक्ति भी मनमाने ढंग से की गई थी। एंटी करप्शन ब्यूरो ने यह भी आरोप लगाया है कि इन कक्षाओं के निर्माण में जिन 34 ठेकेदारों को निर्माण का ठेका दिया गया था, उनमें से ज्यादातर आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए लोग शामिल थे। इन्हीं के जरिए निर्माण की लागत बढ़ाई गई।

मनोज तिवारी ने लगाया था आरोप

बता दें कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी 2019 में जोन 23, 24 और 28 के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में करप्शन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बीजेपी सांसद ने अपनी शिकायत में कहा था कि सरकार ने एक क्लासरूम में 28 लाख रुपए खर्च किए, जबकि एक क्लासरूम के निर्माण में 5 लाख रुपए ही लगते हैं।

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