झारखंड में NRC लागू करने की मांग : बांग्लादेशी घुसपैठियों पर बरसे निशिकांत दुबे, कहा ख़त्म हो रहें है आदिवासी

KK Sagar
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लोकसभा में गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड और खासकर संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासी जनसंख्या में भारी गिरावट को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि 1951 की जनगणना में संथाल परगना में आदिवासी जनसंख्या 45% थी, जो 2011 की जनगणना में घटकर 27% रह गई। दुबे ने दावा किया कि आने वाली जनगणना में यह आंकड़ा और गिरकर 21-22% तक पहुंच सकता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की लापरवाही और बांग्लादेशी घुसपैठियों की साजिश के कारण आदिवासी समाज विलुप्ति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से विवाह कर जल, जंगल और जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।

दुबे ने यह भी कहा कि वर्ष 2008 में जनगणना नहीं कराए जाने के पीछे भी राजनीतिक कारण थे। उनका आरोप है कि अगर वह जनगणना होती तो आदिवासी आबादी के आधार पर एक लोकसभा और 6 विधानसभा सीटें खत्म हो जातीं। उन्होंने आशंका जताई कि इस बार भी झारखंड में परिसीमन नहीं किया जाएगा क्योंकि इससे आदिवासी समुदाय की दो लोकसभा और लगभग 12 विधानसभा सीटें प्रभावित होंगी।

उन्होंने अदालत के निर्देशों का हवाला देते हुए झारखंड में जल्द से जल्द राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करने की मांग की, ताकि बांग्लादेशी घुसपैठ को रोका जा सके और आदिवासी समाज की पहचान एवं अधिकारों की रक्षा हो सके।

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