पुरे बिहार में 16 अगस्त से राजस्व महाभियान की शुरुआत हो चुकी है इसी के साथ कई जिलों में कई सारी शिकायतें भी निकल कर सामने आ रही है। बता दें कि जमुई जिले के झाझा नगर परिषद क्षेत्र में चल रहे राजस्व महा अभियान पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। विभाग की ओर से जारी नियम और दिशा-निर्देशों का अनुपालन धरातल पर नहीं हो रहा है। रैयतधारी लगातार आरोप लगा रहे हैं कि अभियान में भारी अनियमितता बरती जा रही है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कई जगह तो घर घर जाकर नहीं बल्कि किसी खास जगह पर बैठकर बाँट दिया जा रहा है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।
अधूरा जमाबंदी पंजी बना परेशानी का कारण
कई रैयतों ने बताया कि उन्हें जमाबंदी पंजी तो मिल गया, लेकिन उसमें खाता और खेसरा नंबर ही दर्ज नहीं है जबकि रकवा में भी संदेह है। जब इसकी जानकारी मांगी जाती है तो सही जवाब नहीं दिया जाता। अब सवाल यह है कि जमीन से जुड़े वास्तविक विवरण कहां से और कैसे मिलेंगे।
केवल पंजी-2 पर निर्भरता से बढ़ा विवाद
लोगों का आरोप है कि इस अभियान को केवल पंजी-2 के आधार पर चलाया जा रहा है। न तो पंजी-1 और न ही खेसरा पंजी (Index Plot) को दिखाया जा रहा है। रैयतों का कहना है कि यदि पहले ऑनलाइन में गड़बड़ी हुई है, तो पंजी-1 और खेसरा पंजी से पुराने रिकॉर्ड का मिलान कराया जाए। तभी सही जमीन अपने वास्तविक मालिक या उनके वंशजों तक पहुँच पाएगी।
खतियानी जमीन के रिकॉर्ड पर सवाल
कई रैयतधारी पुराने कागजात लेकर खाता-खेसरा ऑनलाइन कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। कोई गीधौर महाराज के रिकॉर्ड चेक करवाने के लिए लाइन में खड़ा है तो कोई जमुई में खतियान निकालने के लिए फीस चुका रहा है। लोगों का कहना है कि 1907 या उसके आसपास महाराजा द्वारा दी गई जमीन के खतियान आज भी उनके पास मौजूद हैं, लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड में उसका कोई जिक्र तक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय के कर्मचारी, अधिकारी और बिचौलियों की मिलीभगत से कई जमीनें चुपके से बांट दी गईं, रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए और बचे रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई।
रैयतों की मांग – पुराने रिकॉर्ड से कराएं मिलान
रैयतों ने साफ कहा है कि अभियान की निष्पक्षता तभी साबित होगी जब पुराने रिकॉर्ड का मिलान कराया जाए और सबको सार्वजनिक किया जाए। तभी सही मालिक की जमीन उसके वंशज तक पहुंचेगी। साथ ही, गड़बड़ी करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और जुर्माना वसूला जाए।
📞 करें कॉल, आपके खबर को प्रमुखता से उठाया जाएगा
👉 अगर आपके पास भी राजस्व महा अभियान से जुड़ा कोई शिकायत है तो इस नंबर पर संपर्क करें – 7979967992। आपकी आवाज़ को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
गौरतलब है कि बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जमीन से जुड़े मामलों के निपटारे और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए आवेदन प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे आम लोग अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से अपने मामलों का समाधान करवा सकते हैं।
ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि सुधार
यदि जमाबंदी रजिस्टर में किसी भी प्रकार की त्रुटि है, जैसे – नाम, खाता या खेत खाता नंबर की गलतियां, तो आवेदक ऑनलाइन सुधार करा सकते हैं। इसके लिए राजस्व महाभियान कैम्प में आवेदन जमा करना होगा।
उत्तराधिकार नामांतरण
जमीन मालिक की मृत्यु के बाद वारिसों के नाम पर जमाबंदी दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इस प्रक्रिया के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र और वंशावली जरूरी होगी।
बंटवारा नामांतरण
संपत्ति या जमीन का आपसी बंटवारा अब आसानी से किया जा सकेगा। इसके लिए कोर्ट आदेश या आपसी सहमति के आधार पर अलग-अलग नाम से जमाबंदी दर्ज होगी।
छूटी हुई जमाबंदियों का ऑनलाइनकरण
जो जमाबंदियां अब तक ऑनलाइन दर्ज नहीं हो सकी हैं, उन्हें भी अब ऑनलाइन कराने की सुविधा दी गई है। इसके लिए आवेदक राजस्व कैम्प में संपर्क कर सकते हैं।
शिविरों में मिलेगा समाधान
विभाग की ओर से चलाए जा रहे विशेष राजस्व महाभियान शिविर में लोग अपने आवेदन देकर तत्काल समाधान प्राप्त कर सकते हैं। पंचायत स्तर पर आयोजित इन शिविरों में सुधार, नामांतरण और बंटवारा से जुड़ी सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी।

