हजारीबाग: जिले के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक स्तर को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। शिक्षा विभाग ने हजारीबाग के 16 सरकारी स्कूलों को चिन्हित किया है, जहां लगातार पांच वर्षों से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम बेहद निराशाजनक रहे हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) परवीन रंजन ने संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा है।
डीईओ द्वारा 10 अक्टूबर 2025 को जारी नोटिस में सभी 16 स्कूलों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों को एक सप्ताह के भीतर जवाब देना अनिवार्य किया गया है। पत्र में कहा गया है कि 2021 से 2025 तक के परिणामों का अध्ययन करने पर पाया गया कि इन स्कूलों का औसत प्रदर्शन जिला स्तर पर सबसे निचले स्तर पर रहा है, जबकि स्कूलों को पर्याप्त संसाधन और शिक्षण स्टाफ उपलब्ध हैं।
📊 लगातार कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की सूची:
उच्च विद्यालय (यूवी) और प्लस टू विद्यालय (इंटरमीडिएट):
- बिहारी बालिका उवि
- एसएन प्लस टू उवि, हरली
- उत्क्रमित प्लस टू उवि, दिगवार
- उत्क्रमित उवि, टोंगी
- उत्क्रमित उवि, सिंदूर
- उत्क्रमित उवि, बभनवै
- उत्क्रमित उवि, आंगो चुरचू
- आरएन प्लस टू उवि, पदमा प्रखंड
- एसएन प्लस टू उवि, हरली, बड़कागांव प्रखंड
- परियोजना प्लस टू उवि, चरही
- परियोजना प्लस टू उवि, गौरियाकरमा, बरही प्रखंड
- उत्क्रमित प्लस टू उवि, देवकुली, इचाक प्रखंड
- उत्क्रमित प्लस टू उवि, तिलरा कवातू, इचाक प्रखंड
- उत्क्रमित प्लस टू उवि, सारूकुदर, विष्णुगढ़ प्रखंड
- उत्क्रमित प्लस टू उवि, चानो, विष्णुगढ़ प्रखंड
- उत्क्रमित प्लस टू उवि, कपका, बरकट्ठा प्रखंड
🧾 डीईओ का बयान
डीईओ परवीन रंजन ने कहा कि —
“हजारीबाग जिले के इन 16 स्कूलों में पिछले पांच वर्षों से परिणामों में कोई सुधार नहीं हुआ है। शिक्षकों को पर्याप्त संसाधन और प्रशिक्षण मिलने के बावजूद परिणाम संतोषजनक नहीं हैं। कई शिक्षक पाठ्यक्रम समय पर पूरा नहीं करते, जिससे छात्र परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। सभी प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो उनके विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”

