डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) और एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के आर्थिक सशक्तिकरण और आजीविका विकास पर विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने महिला समूहों को आत्मनिर्भर और स्वप्रेरित बनाने पर जोर दिया, ताकि वे स्वयं नए कार्य शुरू करने और ऋण प्राप्त करने के लिए आगे आएं। बैठक में उप विकास आयुक्त नागेंद्र पासवान भी उपस्थित थे।
क्षेत्रीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा, महिलाएं होंगी सशक्त
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि प्रत्येक प्रखंड से 10-15 महिला समूह चिन्हित किए जाएं और उनकी आजीविका संवर्धन की संभावनाओं का पता लगाया जाए। उन्होंने विशिष्ट क्षेत्रीय उत्पादों का उल्लेख किया, जैसे बहरागोड़ा में बांस हस्तशिल्प, पटमदा में ढोल-मांदर निर्माण, और महुआ संग्रहण। उपायुक्त ने इन कार्यों से जुड़ी महिलाओं की सूची तैयार करने और उनकी आवश्यकताओं की पहचान करने का निर्देश दिया – चाहे वह प्रशिक्षण, संसाधन, या बाज़ार से जुड़ाव की कमी हो। उन्होंने सुझाव दिया कि इन महिलाओं को अन्य जिलों या राज्यों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए ताकि वे नए कौशल सीख सकें और अपने उत्पादों में नवाचार ला सकें। उपायुक्त ने कच्चे माल की बिक्री के बजाय निर्मित वस्तुओं की प्रक्रिया और पैकेजिंग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे उत्पादों का मूल्य बढ़ेगा और अधिक लोगों को आजीविका के अवसर मिलेंगे।
एक महीने तक चलेगा सघन क्षेत्र कार्य, सुनिश्चित होगा समावेशी विकास
उपायुक्त ने जेएसएलपीएस के सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को अगले एक महीने तक क्षेत्र में रहकर सक्रियता से कार्य करने, संभावनाओं की पहचान करने और गुणात्मक सुधार की दिशा में ठोस पहल करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बीपीएम (ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर) अपने प्रखंड क्षेत्र से बाहर निवास न करें।
एक महत्वपूर्ण निर्देश यह भी था कि कार्यशील आयु वर्ग की कोई भी महिला स्वयं सहायता समूह में जुड़ने से वंचित न रहे। प्रत्येक महिला को समूह से जोड़ना सुनिश्चित किया जाए ताकि समावेशी विकास संभव हो सके।
वित्तीय सुरक्षा और योजनाओं का लाभ
बैठक में जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और अटल योजना को लेकर जागरूकता बढ़ाने और बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर मृत्यु की स्थिति में बीमा राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
उपायुक्त ने 16510 स्वयं सहायता समूहों के शत-प्रतिशत क्रेडिट लिंकेज और सक्षम स्वयं सहायता समूहों को ऋण दिलाने पर जोर दिया। मुद्रा लोन के लंबित आवेदनों को बैंकों से समन्वय स्थापित कर स्वीकृत कराने के भी निर्देश दिए गए। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिले का कुल लक्ष्य 1500 एकड़ भूमि को चिन्हित करने का निर्देश बीपीएम को दिया गया। उप विकास आयुक्त ने मनरेगा कर्मी और जेएसएलपीएस के डाटा मिसमैच न होने देने और समन्वय बनाकर कार्य करने पर बल दिया। साथ ही, कुल 517 बागवानी सखी के चयन का भी निर्देश दिया गया, जिसमें से अब तक 357 का चयन हुआ है।