उपायुक्त ने किसानों को दिया तकनीकी खेती का मंत्र, स्वयं सहायता समूहों को मिला प्रोत्साहन

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर :उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने आज क्षेत्र भ्रमण के क्रम में घाटशिला प्रखंड के धरमबहाल पंचायत अंतर्गत फुलडूंगरी गांव में समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत संचालित कृषक पाठशाला का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों से संवाद स्थापित कर पाठशाला के लाभ, सम्भावनाओं व योजनाओं से जुड़कर उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की। उपायुक्त ने किसानों से केसीसी (कृषि ऋण) के आच्छादन की जानकारी ली तथा वंचित किसानों को इससे जोड़ने की प्रक्रिया बताई। उन्होंने कहा कि कृषक पाठशाला किसानों को उन्नत खेती, नई तकनीक व एफपीओ से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है।

उन्होंने पदाधिकारियों व एनजीओ प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि आसपास के 9 गांवों के किसानों को एफपीओ से जोड़ें और किसानों को सक्रिय रूप से इन गतिविधियों में भागीदारी हेतु प्रोत्साहित करें। मौके पर कुछ किसानों द्वारा लैम्प्स में धान बिक्री के बाद भुगतान की दूसरी किश्त नहीं मिलने की शिकायत की गई, जिस पर उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए समयबद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस क्रम में उन्होने कृषक पाठशाला में संचालित गतिविधियों और फसलों का अवलोकन किया वहीं व्यवस्थित तरीके से कृषक पाठशाला का संचालन व किसानों को कृषि की उन्नत तकनीक से अवगत करने का निर्देश दिया।

इसी क्रम में फुलडूंगरी में संचालित नोटबुक निर्माण कार्य से जुड़ी स्वयंसहायता समूह की महिलाओं से उपायुक्त ने संवाद किया। उन्होंने नोटबुक की गुणवत्ता की सराहना की तथा सप्लाई चेन, विपणन एवं डिजाइन सुधार पर चर्चा की। उपायुक्त ने कहा कि प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए लागत घटाना, उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखना और बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन करना जरूरी है। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि नोटबुक उत्पादन बढ़ाएं, बाजार उपलब्ध कराने में सहयोग करें। स्कूल और स्टेशनरी दुकानों से समन्वय स्थापित कर बिक्री में सहयोग करें।

उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए किसानों को तकनीक आधारित खेती से जोड़ना और महिलाओं को स्वरोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। योजनाओं का लाभ तभी वास्तविक होगा जब किसान और समूह आत्मनिर्भर बनकर बाजार की मांग को समझते हुए आगे बढ़ेंगे।

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