उपायुक्त ने जिला स्तरीय जलछाजन कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ, वर्षा जल प्रबंधन, अंडर ग्राउंड वॉटर रिचार्ज पर दिया गया बल, जीविकोपार्जन, लघु उद्यम उद्यमिता विकास पर दी गई जानकारी

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : झारखंड जलछाजन परियोजना व प्रधानमंत्री कृषि संचाई योजना-जलछाजन विकास अव्यय 2.0 के तहत दो दिवसीय जिला स्तरीय जलछाजन कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी डॉ रजनीकांत मिश्रा, जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी तथा अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी तथा कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष सचिव, जलछाजन समिति के अध्यक्ष सचिव, उत्कृष्ट कार्य करने वाले लाभुक मौजूद रहे।

जिला उपायुक्त ने अपने संबोधन में वर्षा जल प्रबंधन व अंडर ग्राउंड वॉटर रिचार्ज पर बल देते हुए कहा कि आने वाले समय में हमें पानी की समस्या नहीं हो इसके लिए अभी से ही कार्य करने होंगे। शहरी क्षेत्र में विशेषकर पानी के प्राकृतिक स्रोत का अतिक्रमण किया जा रहा। वर्षा जल का बेहतर तरीके से उपयोग नहीं किया गया तो आने वाले वर्षों में आवश्यकतानुरूप हमें पानी नहीं मिल पायेगा। उन्होंने कहा कि जल छाजन प्रबंधन कार्यक्रम का उद्देश्य है पर्यावरण में सही संतुलन को स्थापित करना, मिट्टी के कटाव को रोकना, प्राकृतिक वनस्पतियों को पुनर्जीवित करना, वर्षा जल का संरक्षण कर भूजल को बढ़ावा देना, मिश्रित खेती तथा खेती की नई तकनीकों को बढ़ावा देना व टिकाऊ जीविकोपार्जन पद्धति को बढ़ावा देना है।

जलछाजन में बेहतर कार्य करने वाले लाभुकों को किया गया सम्मानित

जिले में वर्तमान में धालभूमगढ़., चाकुलिया व घाटशिला प्रखंड में वृहद स्तर पर जलछाजन के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। कार्यशाला में उपस्थित उक्त तीनों प्रखंडों के कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष सचिव, जलछाजन समिति के अध्यक्ष सचिव को जलछाजन के विभिन्न पहलुओं, गठित समिति के कार्य, उनकी गतिविधि, विकास कार्य, जीविकोपार्जन, लघु उद्यम उद्यमिता विकास पर जानकारी दी गई। उपस्थित समिति के सदस्यों को बताया गया जलछाजन कार्यक्रम के तहत गांव के विकास में कैसे सहयोग किया जा सकता है। जलछाजन समिति के अध्यक्ष, सचिव को गांव में जाकर आमसभा के माध्यम से स्थल को चिह्नित करना है। ताकि भविष्य में उस स्थल पर इस योजना अंतर्गत कार्य कराया जा सके। कार्य समूह के सदस्य के माध्यम से कराया जाना है। समूह को तीन तरीके से बनाने पर चर्चा हुई। लेबर समूह, यूजर समूह स्वयं सहायता समूह पर चर्चा की गई। उपर्युक्त समूह के माध्यम से सारी परियोजना का कार्यान्वयन किया जाना है। इस अवसर पर जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा जलछाजन के क्षेत्र में कार्य करने वाले 7 लाभुकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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