डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार और सिविल डिफेंस की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक हुई, जिसमें आपदा प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लिया गया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
क्षतिग्रस्त संरचनाओं की रिपोर्टिंग और मुआवजे में तेजी
उपायुक्त ने कहा कि मौजूदा मौसम को देखते हुए आपदा की संभावना बनी हुई है, इसलिए जिला प्रशासन की टीम को पूरी तरह से अलर्ट रहना चाहिए। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों (सीओ) को बारिश से क्षतिग्रस्त पुल, पुलिया, सड़कें, सरकारी और निजी भवनों की तत्काल रिपोर्ट भेजने और जानमाल के नुकसान के मामलों में मुआवजा भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मृत्यु से संबंधित मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनावश्यक देरी न हो, ताकि पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता मिल सके।
सरकारी भूमि पर बने आवासों पर विशेष ध्यान
समीक्षा के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि सरकारी भूमि पर बने आवासों को आपदा क्षति की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा। अंचलाधिकारियों को स्थल सत्यापन के माध्यम से पात्रता की सघन जांच करने का निर्देश दिया गया। लगातार बारिश से सड़कों और पुलों को हुए नुकसान की त्वरित रिपोर्टिंग के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जेई और पंचायत सचिवों के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों की सूची तैयार कर संबंधित विभागों को भेजने को कहा गया, ताकि मरम्मत कार्य तुरंत शुरू हो सकें।
जर्जर भवनों की सुरक्षा प्राथमिकता
उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी जर्जर सरकारी भवन, खासकर स्कूल, आंगनबाड़ी या स्वास्थ्य केंद्र जिनकी छत गिरने की आशंका हो, उनकी तत्काल रिपोर्टिंग कर उन्हें सील कर सुरक्षित किया जाए और उपायुक्त कार्यालय को सूचित किया जाए। धालभूम और घाटशिला अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारियों को प्रतिदिन मामलों की समीक्षा करने, सोशल मीडिया से मिली सूचनाओं पर त्वरित संज्ञान लेने और जरूरतमंदों तक तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए।
सिविल डिफेंस और अन्य विभागों की तैयारी
बैठक में सिविल डिफेंस, रेलवे, अग्निशमन विभाग और अन्य संबंधित विभागों की आपदा प्रबंधन तैयारियों की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सिविल डिफेंस सहित सभी संबंधित विभागों के स्वयंसेवकों को संवेदनशील इलाकों में, खासकर निचले क्षेत्रों, नदी किनारे और शहरी बस्तियों में अलर्ट रखा जाए। उन्होंने सिविल डिफेंस को सामुदायिक जागरूकता अभियान चलाने, जलभराव वाले क्षेत्रों में राहत दल तैनात करने और आवश्यकता पड़ने पर आपात बचाव सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सिविल डिफेंस प्रभारी को अपने सभी स्वयंसेवकों की सूची अद्यतन रखने और उन्हें सक्रिय स्थिति में रखने का निर्देश दिया गया, ताकि किसी भी आपदा की सूचना मिलने पर राहत और बचाव कार्यों में उनकी तत्काल तैनाती सुनिश्चित हो सके।

