स्वास्थ्य सेवाओं पर उपायुक्त की पैनी नज़र, गुणवत्ता और पहुंच में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता

Manju
By Manju
3 Min Read

डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में उपलब्ध चिकित्सीय संसाधनों, सुविधाओं व विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। स्वास्थ्य विभागीय पदाधिकारियों को स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच दोनों को सुधारना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। योजनाएं तभी सफल होंगी जब उनका लाभ हर योग्य व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए विभागीय समन्वय और क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए ।

बैठक में परिवार नियोजन, धात्री व गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव, पूर्ण टीकाकरण, कुपोषण उपचार, मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, नॉन कम्यूनिकेबल डिजिज, ई हॉस्पिटल, डेंगू रोकथाम, एमडीए, नेशनल वेक्टर बोर्न डिजिज प्रोग्राम, लेप्रोसी, टीबी उपचार आदि की विस्तृत समीक्षा की गई।

उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक पंचायत में दो-दो ममता वाहन टैग किए जाएं। ताकि आपात स्थितियों में सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। साथ ही नवजात शिशु के जन्म के समय डिस्चार्ज शीट में मातृत्व योजनाओं का उल्लेख अनिवार्य रूप से हो, जैसे-मातृ वंदना योजना, जेएसएसवाई, जेएसएसके और जन्म प्रमाण पत्र। अस्पताल में मातृ वंदना का फॉर्म भी रखें। ताकि आवश्कता अनुसार माताओं को उपलब्ध कराया जा सके। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र महिला या नवजात सरकार की किसी योजना से वंचित न रहे।

बैठक में कॉन्ट्रासेप्टिव आपूर्ति, परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी उपायों और लाभुकों तक सेवाओं की पहुंच की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि फॉलो-अप प्रणाली मजबूत की जाए ताकि जनसंख्या स्थिरीकरण कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू हो सके।

बरसात के मौसम को देखते हुए डेंगू रोकथाम के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई, फॉगिंग और व्यापक जागरूकता अभियान पर बल दिया गया। डेंगू रोकथाम के लिए गठित टीमों को कार्ययोजना के अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया गया। टीबी व कुष्ठ रोग के मरीजों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने और एमडीए अभियान में सामुदायिक सहभागिता से लक्ष्य की पूर्ति करने पर बल दिया गया।

मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, मधुमेह व उच्च रक्तचाप जैसे रोगों की पहचान, परामर्श और उपचार सेवाओं की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिए कि पीएचसी व सीएचसी स्तर पर इन सेवाओं को प्राथमिकता से सुदृढ़ किया जाए। ई-हॉस्पिटल सिस्टम और एनक्यूएएस (National Quality Assurance Standards) की प्रगति की समीक्षा में कार्यप्रणाली व रिपोर्टिंग व्यवस्था पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि सभी अस्पतालों में ई-हॉस्पिटल सिस्टम का समुचित उपयोग हो ताकि पारदर्शिता व सुगमता बनी रहे।

Share This Article