मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: एडीएम लॉ एंड ऑर्डर पीयूष सिन्हा की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (पीएम विश्वकर्मा), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम-एफएमई) और जिला स्तरीय निर्यात संवर्धन समिति (डीएलईपीसी) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में शिल्पकारों और कारीगरों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराने, योजनाओं के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने, और योग्य लाभुकों के आवेदन प्राप्त करने पर जोर दिया गया। एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने संबंधित विभागों को गाइडलाइंस के तहत योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए आपसी समन्वय और निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।
एडीएम ने पीएम विश्वकर्मा योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह योजना जिले के हजारों कारीगरों और शिल्पकारों को उनकी पारंपरिक कला और विरासत को संरक्षित करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि योजना कारीगरों को “विश्वकर्मा” के रूप में मान्यता देने में सहायक होगी और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
पीएम-एफएमई योजना की समीक्षा करते हुए एडीएम ने शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने पर बल दिया। उन्होंने सभी डीआरपी (डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन) को सक्रिय रूप से कार्य करने और योजना से संबंधित व्यापक जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। जिला उपायुक्त ने भी योजना के तहत बैंकवार लक्ष्यों और प्रगति की बिंदुवार समीक्षा की।
डीएलईपीसी बैठक में जिले के निर्यातकों का विस्तृत डेटा तैयार करने, निर्यात के लिए संभावित उद्योगों और व्यापारियों की पहचान करने, और स्थानीय निर्यात समस्याओं का समाधान खोजने पर चर्चा की गई। एडीएम ने संबंधित एजेंसियों और उद्योगों के साथ समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया।
बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारी और समिति सदस्य उपस्थित थे। एडीएम ने निर्देश दिया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और समर्पण के साथ कार्य करते हुए लाभुकों तक सीधा लाभ पहुंचाया जाए।