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Dhanbad – प्रशासनिक अधिकारियो को मिले सुरक्षा और बेहतर सुविधा : झासा की बैठक में राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम सेवा प्रस्ताव को नहीं मानने पर बनी सहमति

Dhanbad के सर्किट हाउस में मंगलवार को झासा की एक बैठक आहूत की गई। जिसमें राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मौजूद रहे झासा अध्यक्ष रविराज शर्मा के नेतृत्व में बैठक की गई जिसमें राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम सेवा प्रस्ताव को नहीं मानने पर सहमति बनी साथ ही बेहतर सुविधाओं को लेकर भी अधिकारियों ने मांगे रखी जिसे केंद्रीय कमेटी को सौंपने पर सहमति बनी।

प्रीमियम सेवा पर आपत्ति

पूरे मामले पर जानकारी देते हुए झासा अध्यक्ष रविराज शर्मा ने बताया कि प्रीमियम सेवा पर आपत्ति लोगों ने जताई है केंद्रीय इकाई सरकार के संपर्क में है अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है और केंद्रीय इकाई हड़ताल पर जाना चाहेगी तो जिला इकाई का पूरा समर्थन रहेगा।

प्रमोशन, सुविधा और सुरक्षा का आभाव

बैठक में कई ऐसी बातें राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने रखी जिसमें प्रमोशन के बाद भी पदोन्नति नहीं होना, सुदूर क्षेत्रों में काम कर रहे अधिकारियों को सुविधा और सुरक्षा नहीं मिलना भी शामिल है।

कई सारी सुविधाएं राज्य सरकार की ओर से नहीं मिल पाती

राज्य सरकार की ओर से सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर पहल की जाती है मगर मैनपावर की कमी की वजह से इन सुविधाओं का फायदा अधिकारियों को नहीं मिल पाता अगर किसी क्षेत्र में अधिकारी कार्य कर रहे हैं और उन्हें रात्रि को घर लौटना पड़ जाए तो वाहन, रसोईया गार्ड सहित अन्य सुविधाओं से उन्हें वंचित रहना पड़ता है। अब उनकी मांगों पर कितना जल्दी पहल की जाती है यह देखना होगा।

राज्य सरकार के फैसले पर झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी ने जतायी आपत्ति

गौरतलब है कि विगत 9 सितंबर को झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक में राज्य सरकार के फैसले पर आपत्ति जतायी गई। राज्य कैबिनेट की बैठक में पारित भारतीय प्रशासनिक सेवा (चयन द्वारा नियुक्ति) विनियम 1997 के तहत गैर राज्य असैनिक सेवा के पदों को उप समाहर्ता के पद की समकक्षता संबंधी अधिघोषणा से राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी आहत हैं। राज्य सरकार के इस निर्णय से संघ के पदाधिकारियों में रोष है। संघ ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा का दर्जा देते हुए उसका पुनर्गठन कार्मिक विभाग की ओर से अब तक नहीं किया गया है।

संघ सेवा का पुनर्गठन बिहार के मॉडल पर करने का विरोध

संघ सेवा का पुनर्गठन बिहार के मॉडल पर हू-ब-हू किए जाने का पुरजोर विरोध करता है। एक तरफ तो राज्य सरकार के द्वारा झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा का दर्जा देकर अपग्रेड करने की बात कही जा रही है और दूसरी तरफ सरकार की ओर से गैर राज्य असैनिक के पदों को उपसमाहर्ता पद के समकक्ष कर रही है। संघ जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं को रखेगा। समस्याओं के तत्काल समाधान नहीं होने की स्थिति में संघ आगे की आंदोलनात्मक कार्य योजना तैयार करने को बाध्य होगा।

KK Sagar
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