मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: समाज के जरूरतमंद लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) सामाजिक कार्यों में भी अहम भूमिका निभा रहा है। इसी कड़ी में, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार वीरेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर डालसा द्वारा छह महीने पहले बीसीसीएल अधिकारी की पत्नी और बेटी को रेस्क्यू किया गया था। अधिकारी की मृत्यु के बाद दोनों गहरे सदमे में चली गई थीं और खुद को एक अंधेरे कमरे में बंद कर लिया था।
डालसा के प्रयास और सिविल सर्जन द्वारा गठित डॉक्टरों की टीम, जिसमें डॉ. मीनाक्षी दुबे, डॉ. अभीलिप्सा मुखर्जी (मनोरोग चिकित्सक) और डॉ. राजीव कुमार सिंह (औषधि चिकित्सा) शामिल थे, के सहयोग से इनका उपचार शुरू किया गया। लगातार चिकित्सा और काउंसलिंग के बाद मां और बेटी की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अब वे हंसकर बात करती हैं और सामान्य जीवन की ओर बढ़ रही हैं।
डालसा के सचिव ने जानकारी दी कि पिता की मृत्यु के बाद मां और बेटी दोनों गहरे सदमे में चली गई थीं। लेकिन डॉक्टरों और डालसा की टीम की काउंसलिंग और देखरेख के बाद आज उनकी स्थिति काफी बेहतर हो गई है। सचिव ने बताया कि दोनों को धीरे-धीरे समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉक्टरों की टीम ने उम्मीद जताई है कि बहुत जल्द मां और बेटी की जिंदगी पूरी तरह सामान्य हो जाएगी। डालसा ने इस प्रक्रिया में डॉक्टरों की टीम के साथ नियमित मासिक समीक्षा बैठकें कर उनकी प्रगति पर नजर रखी है।