शहरी जल प्रबंधन के क्षेत्र में स्थायी विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए धनबाद में ‘शैलों एक्विफर प्रबंधन (SAM) 2.0’ पर दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (NIUA) द्वारा किया गया, जो आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA), भारत सरकार के अंतर्गत आता है। यह आयोजन AMRUT 2.0 मिशन के तहत हुआ।
75 शहरों में लागू होगा SAM 2.0
SAM 2.0, SAM 1.0 की सफलता पर आधारित है, जिसे पहले नौ शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। इसकी सफलता के बाद इसे देश के 75 शहरों में विस्तार दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को भूजल संरक्षण की तकनीकी जानकारी, उपकरण और समुदाय आधारित रणनीतियों के साथ सशक्त बनाना है।
11 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल
धनबाद को झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम और सिक्किम के 11 शहरों के प्रतिनिधियों के लिए इस कार्यशाला की मेजबानी के लिए चुना गया।
NIUA के डॉ. उदय भोण्डे और श्रीमती शिल्पी चक्रवर्ती ने तकनीकी सत्रों का संचालन किया जिसमें एक्विफर रिचार्ज, सामुदायिक भागीदारी और स्थायी भूजल प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया।
नगर आयुक्त ने किया उद्घाटन
धनबाद नगर निगम के नगर आयुक्त श्री रविराज शर्मा ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि सतही जलभृत (Shallow Aquifer) प्रबंधन में समुदाय की सक्रिय भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि समुदाय की सहभागिता और स्वामित्व के बिना जल संरक्षण की दीर्घकालिक सफलता संभव नहीं।
SAM 1.0 की सफलता का दौरा
प्रतिभागियों ने SAM 1.0 के तहत किए गए कार्यों का भी दौरा किया। धनबाद सर्कल के जीवन ज्योति स्कूल, बेरा कॉलोनी और झरिया के नीचे मोहल्ला में किए गए हस्तक्षेपों को देखा। इन स्थानों पर जलभृत पुनर्जीवन की प्रक्रिया और जल उपलब्धता में आए सुधारों का प्रत्यक्ष अनुभव किया गया।
मेघ पाइन अभियान ने साझा किए अनुभव
मेघ पाइन अभियान के प्रबंध न्यासी श्री एकलव्य प्रसाद ने SAM 1.0 के दौरान धनबाद में हुए कार्यों की जानकारी दी और बताया कि कैसे विभिन्न संस्थानों, समुदायों और निकायों के सामूहिक प्रयासों से सफलता हासिल हुई।
‘लाइटहाउस सिटी’ के रूप में पहचान
धनबाद की सफलता को देखते हुए अब इसे ‘लाइटहाउस सिटी’ के रूप में मान्यता दी गई है। प्रतिनिधियों ने SAM 1.0 के अनुभवों से महत्वपूर्ण सबक सीखे, जिसे वे अपने-अपने शहरों में लागू करेंगे।