डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया : टाउन हॉल में गुरुवार को बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी को लेकर जनसुनवाई का आयोजन किया गया। दो सदस्यीय आयोग की टीम ने उपभोक्ताओं की राय जानी और उनकी समस्याओं को सुना। उपभोक्ताओं ने प्रस्तावित वृद्धि पर नाराजगी जताते हुए बिजली विभाग की मौजूदा कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए।
बिजली आपूर्ति और बिलिंग समस्याओं पर हुई चर्चा
जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने बिजली आपूर्ति में अनियमितता, बढ़ते बिल और अन्य संबंधित मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। आयोग की टीम ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
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राज्यभर में ली जा रही उपभोक्ताओं की राय
मीडिया से बात करते हुए आयोग के प्रतिनिधि ने बताया कि बिजली दरों को लेकर राज्यभर में उपभोक्ताओं से सुझाव और शिकायतें ली जा रही हैं। सिर्फ दर बढ़ोतरी ही नहीं, बल्कि बिजली वितरण और सेवा संबंधी दिक्कतों को भी गंभीरता से सुना जा रहा है। उन्होंने कहा कि धनबाद में जनसुनवाई पूरी होने के बाद आयोग की टीम देवघर जाएगी, जहां उपभोक्ताओं की राय ली जाएगी। इसके बाद बिजली दर बढ़ोतरी पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
40 से 45% तक हो सकती है दर वृद्धि
बिजली विभाग के कार्यकारी निदेशक ने बताया कि प्रस्तावित दर वृद्धि 40 से 45 प्रतिशत तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा और उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी जाएगी।
उपभोक्ताओं ने जताई आपत्ति
जनसुनवाई में शामिल उपभोक्ताओं ने बिजली दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि का विरोध किया। उपभोक्ताओं का कहना था कि बिजली विभाग उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता, जिससे उन्हें लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने विभाग से पहले बिजली आपूर्ति और बिलिंग से जुड़ी समस्याओं को सुधारने की मांग की।