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Dhanbad के निजी अस्पताल व क्लिनिक के सीइए से संबंधित फाइलों में गड़बड़ी कर लाइसेंस रिन्यू करने के कई मामले सामने आने के बाद उपायुक्त नें संज्ञान लेते हुए पीसी-पीएनडीटी की बैठक बुलाई। इस दौरान सिविल सर्जन को उपायुक्त नें फटकार भी लगाई।
निजी अस्पताल व क्लिनिक के सीइए से संबंधित फाइलों में गड़बड़ी कर लाइसेंस रिन्यू करने के कई मामले
दरअसल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मियों द्वारा Dhanbad जिले के निजी अस्पताल व क्लिनिक के सीइए से संबंधित फाइलों में गड़बड़ी कर लाइसेंस रिन्यू करने के कई मामले सामने आनें के बाद यह बैठक बुलाई गई इसमें तो कुछ मामलों में जिले के विभिन्न जगहों पर फर्जी अस्पताल के संचालन की बात भी सामने आ चुकी है। मामला स्वास्थ्य मुख्यालय के पास भी पहुंच चुका है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों ने इसकी जांच के लिए धनबाद उपायुक्त को जिम्मा सौंपा है।
इतना ही नहीं यह बात निकलकर सामने आ रही है कि Dhanbad के फर्जी अस्पताल व क्लिनिकों को भी अधिकारी व कर्मिय ने सांठ-गांठ कर लाइसेंस प्रदान कर दिया है।
सीइए मामलों में गड़बड़ी को लेकर उपायुक्त नें सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन को लगाई फटकार
इधर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (सीइए) संबंधित मामलों में गड़बड़ी को लेकर मंगलवार को उपायुक्त माधवी मिश्रा ने सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन को फटकार लगायी। मंगलवार को उपयुक्त माधवी मिश्रा की अध्यक्षता में समाहरणालय में पीसी-पीएनडीटी की बैठक हुई। जहाँ पीसी-पीएनडीटी संबंधित मामलों के साथ सीइए से जुड़े दस्तावेजों को भी लाने का निर्देश उपायुक्त ने सिविल सर्जन को दिया था।
सिविल सर्जन द्वारा दस्तावेज नहीं लाने पर उपायुक्त नें जताई नाराजगी
वहीं सिविल सर्जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बिना फ़ाइल के समाहरणालय पहुंचे, जिसके बाद उपायुक्त माधवी मिश्रा ने नाराजगी जताते हुए सिविल सर्जन को फाइल लाने का निर्देश दिया। वहीं शाम को सीइए संबंधित फाइलों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को अपने कार्यालय बुलाकर पूछताछ की। जबकि यहीं कारण रहा कि पीसीपीएनडीटी की बैठक को भी रद्द करना पड़ा।