डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: जिले में डेंगू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उपायुक्त माधवी मिश्रा ने सिविल सर्जन डॉ. चंद्रभानु प्रतापन और जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार को शोकॉज किया है। उपायुक्त ने सीएस से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 60 से कम बताई। इसके साथ ही, रिपोर्ट में डेंगू से हुई किसी भी मौत का जिक्र नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में विरोधाभास
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में एक भी मौत डेंगू से नहीं हुई है, जबकि वास्तविकता में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। उपायुक्त को विभिन्न अस्पतालों से मिली सूचनाओं के अनुसार, डेंगू के पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस गलत रिपोर्टिंग पर उपायुक्त ने सिविल सर्जन और जिला मलेरिया पदाधिकारी को फटकार लगाते हुए उन्हें दो दिनों के अंदर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया है।
प्लेटलेट्स की संख्या पर उठे सवाल
उपायुक्त ने डॉ. चंद्रभानु प्रतापन से सवाल किया कि अगर जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या कम है, तो सरकारी और निजी ब्लड बैंकों से निकले 513 यूनिट प्लेटलेट्स आखिर कहां गए? इस पर सीएस और मलेरिया पदाधिकारी के पास कोई संतोषजनक उत्तर नहीं था।
कंटेनर सर्वे में लापरवाही
डेंगू मरीज की पुष्टि होने पर पीड़ित के घर और आसपास के क्षेत्रों में कंटेनर सर्वे चलाने का नियम है, जिसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। उपायुक्त द्वारा कराई गई जांच में यह बात सामने आई है कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मरीजों के घरों और आसपास क्षेत्रों में कंटेनर सर्वे चलाने में लापरवाही बरती। इस पर उपायुक्त ने दोनों अधिकारियों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि ऐसी लापरवाहियों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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