कतरास निवासी रामचंद्र सोनार का नेत्रदान
नवरात्रि के पावन अवसर पर शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद में एक प्रेरणादायी घटना सामने आई। कतरास निवासी मनोज सोनी ने अपने पिता स्वर्गीय रामचंद्र सोनार का मरणोपरांत नेत्रदान कर मानव सेवा की मिसाल पेश की।
परिवार को समाजसेवी ने किया प्रेरित
मनोज सोनी के मित्र और समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने परिवार को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया। उनकी प्रेरणा से परिवार ने यह निर्णय लिया, जिससे दो नेत्रहीनों की जिंदगी रोशनी से भर जाएगी।
पुत्र ने व्यक्त किया गर्व
नेत्रदान के बाद भावुक मनोज सोनी ने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है। उन्होंने कहा कि उनके पिता के नेत्र अब किसी और की जिंदगी को उजियारा देंगे और इसी के साथ वे धरती पर ही मरणोपरांत अमर हो गए हैं।
समाजसेवी का संदेश
अंकित राजगढ़िया ने कहा कि नेत्रदान जीवन का सबसे अमूल्य दान है। इसे हर व्यक्ति को करना चाहिए ताकि मरणोपरांत भी किसी की जिंदगी में खुशियां और रोशनी लाई जा सके। साथ ही उन्होंने अस्पताल के सुपरीटेंडेंट डॉक्टर दिनेश गिंडोरिया और डॉक्टर एम.के. दुबे का विशेष आभार जताया।
झारखंड में पहली बार नेत्रदानी को सलामी
नेत्रदान की इस पावन घड़ी में अस्पताल के नर्स, वार्ड बॉय और सुरक्षा कर्मियों ने नेत्रदानी को सलामी दी। यह झारखंड राज्य में पहली बार हुआ जब किसी के नेत्रदान के बाद सम्मानस्वरूप सलामी दी गई। यह दृश्य उपस्थित सभी लोगों के लिए भावुक और प्रेरणादायी रहा।

