Dhanbad: आउटसोर्स कंपनियों पर लगाम जरूरी: झारखंड ऊर्जा विकास निगम में आउटसोर्स कंपनियां युवाओं के भविष्य को दीमक की तरह खा रही हैं: इरफान अंसारी

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मिरर मीडिया संवाददाता, Dhanbad : झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में आउटसोर्स कंपनियों के द्वारा राज्य के युवाओं का भविष्य खतरे में है। इस पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है। यह बातें राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कही। इस मुलाकात का नेतृत्व संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय कर रहे थे।

डॉ. अंसारी ने कहा कि आगामी 28 तारीख को होने वाली कैबिनेट बैठक में वे संघ के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के साथ पुराना नाता रहा है, और वे संघ के जायज मुद्दों को लेकर किसी भी स्तर पर जाने के लिए तैयार हैं।इस अवसर पर विधायक उमाशंकर अकेला ने भी संघ को आश्वासन दिया कि वे आउटसोर्स व्यवस्था को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने मंत्री को बताया कि 2017 से निगम में आउटसोर्स व्यवस्था लागू है, जो अब तक जारी है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कंपनियों ने अब तक 80 करोड़ रुपये से अधिक का कमीशन लिया है, जबकि कर्मचारियों के एरियर में भी घोटाले हो रहे हैं। इसके लिए उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है।

इससे पूर्व, झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने अपनी मांगों को लेकर 23 अगस्त 2024 को सुबह 10 बजे डॉ. इरफान अंसारी के आवास पर उनसे मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सैकड़ों कर्मियों सहित संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में विजय सिंह, मुकेश साहू, जलील अंसारी, प्रवीन टोप्पो, सुरेंद्र सिंह, शाश्वत कुमार, अनुराग कुमार, अनिकेत कुमार, मुकेश यादव, राज कुमार राज, रजनीकांत मेहता, संजीत कुमार महतो, प्रवीण कुजूर, अशोक महतो, रमेशचंद्र महतो, संजय कुमार, महावीर कुमार, अरविंद कुमार, गोविंद मुंडा, प्रकाश नायक, विनय महतो, अनुराग कुमार, सुजीत कुल्लू, सुरेंद्र सिंह, विनय बड़ाईक, सुनील कुमार और रवि कुमार उपस्थित थे।

झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ की प्रमुख मांगें:

होमगार्ड जवानों को प्रतिदिन ₹1100 मानदेय दिया जा रहा है, जबकि ऊर्जा विभाग में तकनीकी कर्मचारी होने के बावजूद बहुत कम मानदेय मिलता है। इस विसंगति को दूर किया जाए।

पारा शिक्षकों को 60 वर्षों के लिए अनुबंध पर रखने और बहाली में 50% प्राथमिकता देने की तर्ज पर ऊर्जा विभाग में भी यही नियम लागू किया जाए।

श्रम नियोजन कौशल विकास विभाग द्वारा 11 मार्च 2024 को संशोधित नियम लागू करते हुए संवेदकों को 30 एवं 31 दिन का भुगतान करने का आदेश दिया जाए और बोनस का प्रावधान भी किया जाए।

2017 से निगम द्वारा समय-समय पर की गई बढ़ोतरी का एरियर श्रमिकों को अभी तक नहीं मिला है। इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

नई बहाली में 2016 और 2018 की तरह उम्र सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाए और पहले से कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाए।

2007 से लगातार कार्यरत अनुबंध कर्मियों को नियमित किया गया है, लेकिन मानव दिवस कर्मियों को इससे लाभ नहीं मिला है। उन्हें भी सीधी नियुक्ति दी जाए।

निगम की सहमति के अनुसार, अतिकुशल, कुशल और अकुशल कर्मियों को प्रमोशन दिया जाए, जैसा कि खूंटी के 132/33 KV जापूत ग्रिड में किया गया था।

एजेंसी व्यवस्था में श्रमिकों की स्थिति दयनीय हो चुकी है, इसलिए इसे समाप्त कर पूर्व की मानव दिवस व्यवस्था को लागू किया जाए।

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