संवाददाता, धनबाद: धनबाद सदर प्रखंड में प्रवासी मजदूरों से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सहायक श्रमायुक्त प्रवीण कुमार ने प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जो श्रमिक रोजगार के लिए अन्य राज्यों या देशों में जाते हैं, उन्हें श्रमाधान.झारखण्ड.जीओवी.कॉम पोर्टल पर प्रवासी मजदूर अधिनियम 1979 के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इससे श्रमिकों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष योजनाएं
सहायक श्रमायुक्त ने जानकारी दी कि झारखंड सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री झारखंड प्रवासी श्रमिक दुर्घटना कोष के तहत लाभ प्रदान किए जाते हैं।
- किसी दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा में श्रमिक की मृत्यु होने पर ₹50,000 की सहायता राशि दी जाएगी।
- दुर्घटना में श्रमिक के दो अंगों या दोनों आंखों की हानि होने पर ₹75,000 से ₹2,00,000 तक की सहायता राशि दी जाएगी।
- यह लाभ पंजीकृत और अपंजीकृत, दोनों श्रमिकों को मिलेगा।
कार्यशाला में श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी ऑडियो-वीडियो माध्यम से दी गई। सहायक श्रमायुक्त ने आगंतुकों से अपील की कि जो भी मजदूर राज्य से बाहर कार्य के लिए जाते हैं, वे श्रम विभाग में प्रवासी मजदूर के रूप में अपना निबंधन अवश्य कराएं।
बाल श्रम निषेध पर विशेष चर्चा
सहायक श्रमायुक्त ने बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 पर प्रकाश डालते हुए कहा:
- 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कार्य लेना अपराध है।
- खतरनाक नियोजन या प्रक्रियाओं में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नियोजन प्रतिबंधित है।
- उल्लंघन पर ₹20,000 से ₹50,000 तक का जुर्माना या 6 महीने से 2 साल तक का कारावास या दोनों हो सकता है।
सहायक श्रमायुक्त ने टोल फ्री नंबर 18003456526 और 1098 पर बाल श्रम की सूचना देने की अपील की।
कार्यक्रम में प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख, मुखिया, वार्ड सदस्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।