मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: बिहार के गया और झारखंड के संथाल क्षेत्र से बड़े पैमाने पर बच्चों का रोजगार के लिए आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में पलायन हो रहा है। हाल ही में, दुमका और गया के आधा दर्जन बच्चों को आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी और केरल के त्रिशूर ले जाते समय आरपीएफ ने उन्हें रेस्क्यू किया। इन बच्चों को आज चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने उनके परिवारों से मिलाया।
रेस्क्यू किए गए बच्चों की आपबीती मार्मिक है। गया के बच्चों ने बताया कि उन्हें अंडा के ट्रे बनाने का काम 12 घंटे तक कराया जाता था, और समय पर भोजन भी नहीं मिलता था। बाल तस्कर कैलाश मांझी, जो इन बच्चों को राजमुंदरी ले जा रहा था, को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं, दुमका के काठीकुंड थाना क्षेत्र के तीन बच्चों को भी सीडब्ल्यूसी ने उनके परिवार को सौंप दिया है। सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने बताया कि केरल ले जा रहे तस्कर विल्सन की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है, लेकिन केरल पुलिस को सूचना दे दी गई है। उन्होंने बताया कि तस्कर प्रति बच्चे प्रतिदिन 200 रुपये रखता है।
गरीबी और बेरोजगारी के कारण बच्चों का पलायन – मुखिया की स्वीकारोक्ति:
दुमका से लुकास मुरमू, एक स्थानीय मुखिया, ने स्वीकार किया कि गरीबी और बेरोजगारी के चलते लोग अपने बच्चों को आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में भेजने को मजबूर हो रहे हैं।
प्लेटफार्म नंबर 7 से रेस्क्यू हुईं दो बच्चियां और एक बच्चा, परिवारों को सौंपे गए:
धनबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 7 पर संदिग्ध गतिविधियों के बीच रेल पुलिस ने आधा दर्जन बच्चों को रेस्क्यू किया था। आज, दो बच्चियों और एक बालक को उनके परिवारों को सौंप दिया गया। बच्चों ने बताया कि दुर्गा पूजा के मेले में गुब्बारे और अन्य सामान बेचने वाले लोग, जो पश्चिम बंगाल, बिहार और आसपास के जिलों से आते हैं, यहां बच्चों को भीख मांगने और छोटे-मोटे अपराधों में धकेलते हैं।
सासाराम के बच्चे को 25 दिन बाद मिला परिवार:
विगत 13 सितंबर को सासाराम का 12 वर्षीय बच्चा धनबाद स्टेशन से रेस्क्यू किया गया था। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी की पहल पर बच्चे के परिजनों का पता चला और 25 दिन बाद, उसे उसके परिवार से मिलाया गया। इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी के सदस्य प्रेम कुमार, मीरा सिन्हा, ममता अरोड़ा, संध्या सिन्हा, डीएलएसए के चंदन कुमार, डीसीपीयू के मदन मोहन महाथा, चाइल्ड हेल्पलाइन से अर्पित खलको, उदय कुमार, सिंपी, पूनम, काजल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। परिजनों ने सीडब्ल्यूसी का आभार व्यक्त किया।