संवाददाता, धनबाद: समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सादात अनवर की अध्यक्षता में जिला कौशल समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कौशल विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और दक्ष मैनपावर तैयार करने पर विशेष जोर दिया गया।
डीडीसी ने सभी विभागों को अपने स्तर से कौशल विकास की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में व्यापक अभियान चलाकर जिले के अंतिम व्यक्ति तक कौशल विकास की जानकारी पहुंचाई जाए, जिससे अधिक से अधिक युवा इन योजनाओं से जुड़कर रोजगार प्राप्त कर सकें।
खनन, उद्योग और सेवा क्षेत्रों के लिए प्रशिक्षण पर जोर
डीडीसी ने कहा कि धनबाद में खनन, उद्योग, होटल व्यवसाय, मॉल, हेवी व्हीकल संचालन व मरम्मत सहित कई रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कौशल विकास केंद्रों में लोगों को उद्योग आधारित प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही, जिले में एक वृहद और स्थायी कौशल केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव देने का सुझाव भी दिया गया।
कौशल विकास केंद्रों में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम
बैठक में जिला कौशल समन्वयक ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र, सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना और ग्रामीण कौशल अधिग्रहण संस्थान के अंतर्गत जिले में 19 कौशल विकास केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों में सिलाई मशीन ऑपरेशन, दोपहिया व चारपहिया टेक्नीशियन, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, ब्यूटी थेरेपिस्ट, कंसाइनमेंट बुकिंग एजेंट, फिटिंग, असिस्टेंट हेयर स्टाइलिस्ट, असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, पर्यटन व आतिथ्य प्रबंधन और नेटवर्किंग एंड स्टोरेज सहित कई रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं।
10,662 लोगों को मिला रोजगार
सहायक श्रम अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि अब तक 10,662 प्रशिक्षित युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमशीलता कौशल से सशक्त बनाना, उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि करना और उन्हें आर्थिक विकास में भागीदार बनाना है।
बैठक में फायर सेफ्टी, माइनिंग सर्वे, फॉरमैन ट्रेनिंग, दिव्यांगजनों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और बेलगड़िया टाउनशिप में कौशल विकास की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।